Shahdol News: भास्कर अभियान: केंद्र की ‘उड़ान’ पर एयरपोर्ट का रोड़ा, रीजनल कनेक्टिविटी में शहडोल के शामिल होने के बाद भी एयरपोर्ट निर्माण को लेकर जिम्मेदार बेपरवाह

  • केंद्र की ‘उड़ान’ पर एयरपोर्ट का रोड़ा
  • एयरपोर्ट निर्माण को लेकर जिम्मेदार बेपरवाह
  • भोपाल विमानन विभाग ने 7 माह में नहीं लिया संज्ञान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-20 16:26 GMT

Shahdol News: केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) उड़ान-5.2 के तहत मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से शिवपुरी, नीमच, खंडवा व मंडला के साथ ही शहडोल के लिए फ्लाइट्स चलाने की तैयारी है। बेंगलुरू की स्प्रिट एयर ने फरवरी 2025 से फ्लाइट्स की सेवा शुरू करने की सहमति भी दी है। हर सप्ताह भोपाल-शहडोल-भोपाल की 8 उड़ान की तैयारी है। इस बीच बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि शहडोल में एयरपोर्ट निर्माण को लेकर ही जिम्मेदारों का रवैया उदासीन है तो आदिवासी अंचल को फ्लाइट्स की सुविधा का लाभ कैसे मिलेगा। केंद्र सरकार की उड़ान योजना पर इस आदिवासी अंचल को पंख आखिर कैसे लगेंगे। बतादें कि शहडोल में एयरपोर्ट निर्माण मोदी की गारंटी में शामिल है। यहां लालपुर में एयरपोर्ट निर्माण की तैयारी है।

भोपाल विमानन विभाग ने 7 माह में नहीं लिया संज्ञान

मोदी की गारंटी में शामिल शहडोल एयरपोर्ट की सुविधा का लाभ आदिवासी अंचल को दिलाने के लिए शहडोल में तत्कॉलीन कलेक्टर वंदना वैद्य द्वारा 7 मार्च को 74.364 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने संबंधी प्रस्ताव भोपाल स्थित विमानन को भेजा गया। इस प्रस्ताव पर विमानन को जरूरी कार्रवाई कर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करते हुए एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया में आगे बढऩा है। शहडोल एयरपोर्ट निर्माण के लिए तीन गांव में 74.364 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण में 44.077 हेक्टेयर निजी जमीन भी अधिग्रहित किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें कटकोना में 25.918 हेक्टेयर कुल जमीन में 21.118 हेक्टेयर निजी जमीन, पिपरतरा में 8.678 हेक्टेयर में 2.92 हेक्टेयर निजी और लालपुर में 39.768 हेक्टेयर में 20.039 हेक्टेयर निजी जमीन शामिल है।

पहले जमीन चिन्हित कर प्रस्ताव भेजने में हुआ विलंब

शहडोल में एयरपोर्ट निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण संबंधी प्रस्ताव भेजने में ही विलंब हुआ। विमानन विभाग भोपाल द्वारा 13 जुलाई 2023, 11 सितंबर 2023, 17 जनवरी 2024 और 5 फरवरी 2024 को चार बार पत्र लिखकर जमीन चिन्हित कर प्रस्ताव मांगा गया, तब जाकर जिला प्रशासन द्वारा प्रस्ताव भेजा गया। अब प्रस्ताव भेज दिए जाने के बाद सात माह से मामला ठंडे बस्ते में है।

शहडोल में इसलिए जरूरी एयरपोर्ट

> शहडोल जिले में रिलायंस, अल्ट्राटेक व अनूपपुर जिले की जैतहरी में हिंदुस्थान पॉवर का बिजली संयंत्र के आला अधिकारियों को अमूमन दूसरे महानगरों तक जाने के लिए फ्लाइट्स की जरूरत पड़ती है।

> संभाग में कोयला की सरकारी उपक्रम एसईसीएल के साथ ही निजी सेक्टर की कंपनियां भी हैं।

> आने वाले कुछ माह व साल में शहडोल के आसपास निजी सेक्टर की एक दर्जन से ज्यादा कोयला खदानें संचालित करने की तैयारी है। इनके लोगों को भी महानगरों तक जाने के लिए फ्लाइट्स की जरूरत पड़ेगी।

- शहडोल एयरपोर्ट निर्माण के लिए पूर्व में भेजे गए जमीन अधिग्रहण संबंधी प्रस्ताव की जानकारी एक माह पहले ही भोपाल में उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।

डॉ. केदार सिंह कलेक्टर

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