अफ्रीका और यूरोप में मित्र नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए आईएनएस तबर तैनात!

अफ्रीका और यूरोप में मित्र नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए आईएनएस तबर तैनात!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-28 07:49 GMT
अफ्रीका और यूरोप में मित्र नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए आईएनएस तबर तैनात!

डिजिटल डेस्क | रक्षा मंत्रालय अफ्रीका और यूरोप में मित्र नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में भाग लेने के लिए आईएनएस तबर तैनात| मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में भारतीय नौसेना के जहाज तबर ने दिनांक 13 जून को अपनी लंबे समय तक जारी रहने वाली तैनाती शुरू की और सितंबर के अंत तक यह पोत अफ्रीका और यूरोप के कई बंदरगाहों का दौरा करेगा। बंदरगाह यात्राओं के दौरान, तबर पेशेवर, सामाजिक और खेलकूद संबंधी बातचीत करेगा। यह जहाज मित्र नौसेनाओं के साथ अनेक संयुक्त युद्धाभ्यासों में भी हिस्सा लेगा । तैनाती के दौरान, आईएनएस तबर एडन की खाड़ी, लाल सागर, स्वेज नहर, भूमध्य सागर, उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर से गुज़रेगा, जबकि जिबूती, मिस्र, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, नीदरलैंड, मोरक्को और स्वीडन और नॉर्वे जैसे आर्कटिक परिषद के देशों में पोर्ट कॉल करेगा। देशों की मेजबान नौसेनाओं के साथ पासेक्स के अलावा यह जहाज रॉयल नेवी के साथ कोंकण युद्धाभ्यास तथा फ्रांसीसी नौसेना के साथ वरुण युद्धाभ्यास करेगा साथ ही इसका रूसी फेडरेशन की नौसेना के साथ इंद्र युद्धाभ्यास जैसे द्विपक्षीय अभ्यासों में भाग लेने का भी कार्यक्रम है ।

इस तैनाती के दौरान दिनांक 22 से 27 जुलाई तक रूसी नौसेना दिवस समारोह में भी जहाज की भागीदारी देखने को मिलेगी। यह जहाज मित्र नौसेनाओं के साथ मिलकर काम करेगा ताकि सैन्य संबंध बनाने, अंतरसंचालनीयता विकसित करने और लंबे समय तक संबंधों का निर्वाह हो सके । भारतीय नौसेना विशेष रूप से प्राथमिक हित के समुद्री क्षेत्रों में नियमित विदेशी तैनाती करती है । इन व्यस्तताओं का उद्देश्य क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करना और समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त अभियानों को मजबूत करना है। ये बातचीत नौसेनाओं को एक-दूसरे की नौसेना में अपनाई गई "सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों" का अवलोकन करने तथा उनको आत्मसात करने का अवसर भी प्रदान करेगी । आईएनएस तबर रूस में भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया तलवार श्रेणी का स्टील्थ फ्रिगेट है। इस जहाज की कमान कैप्टन एम महेश के पास है और इसमें 300 कर्मियों का कोटा है। यह जहाज हथियारों और सेंसरों की व्यापक रेंज से लैस है और भारतीय नौसेना के शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट्स में से एक है। यह जहाज भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है जो पश्चिमी नौसेना कमान के तहत मुंबई में स्थित है ।

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