हाईकोर्ट ने कहा- तीन दिन में हाई पॉवर कमेटी की फिर से की जाए बैठक

हाईकोर्ट ने कहा- तीन दिन में हाई पॉवर कमेटी की फिर से की जाए बैठक

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-05 16:38 GMT
हाईकोर्ट ने कहा- तीन दिन में हाई पॉवर कमेटी की फिर से की जाए बैठक



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश की जेलों से बंदियों की रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार तीन दिन में हाई पॉवर कमेटी की बैठक करने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 14 जून को नियत की है।
हाईकोर्ट द्वारा जेल में बंदियों की क्षमता से अधिक संख्या पर स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की गई है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि कोरोना काल में 3927 पुरुष और महिला बंदियों को पैरोल पर रिहा किया गया है। इसमें 60 वर्ष से अधिक के पुरुष और 45 वर्ष से अधिक की महिला बंदी भी शामिल हैं। इसके साथ ही 4874 विचाराधीन बंदियों में से 1219 को पैरोल पर रिहा किया गया है। जेल डीजी की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदेश की जेलों में 6947 बंदी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। इनमें 2719 ऐसे बंदी हैं, जो 7 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं। इनमें से ज्यादातर पैरोल के लिए अनिवार्य जमानत देने में असमर्थ हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डिवीजन बैंच ने विधिक सहायता के माध्यम से जमानत की बाधा दूर करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार तीन दिन में हाई पॉवर कमेटी की बैठक करने के निर्देश दिए हैं, ताकि जेल में निरुद्ध बंदियों की पैरोल का रास्ता साफ हो सके।

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