प्रदेश की जेलों में बंदियों का नियमित मेडिकल चेक-अप करने का आदेश
प्रदेश की जेलों में बंदियों का नियमित मेडिकल चेक-अप करने का आदेश
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि प्रदेश की जेलों में बंदियों का विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा नियमित मेडिकल चेक-अप किया जाए। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल जबलपुर के जेल अधीक्षक को राज्य सरकार से यह निर्देश लेकर बताने के लिए कहा कि जबलपुर सेंट्रल जेल में चिकित्सकों के दो रिक्त पद कब तक भरे जाएंगे। युगल पीठ ने रिक्त पदों पर नियुक्ति होने तक चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था करने का आदेश दिया है।
जेल में चिकित्सकों के तीन पद स्वीकृत
कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक जीपी ताम्रकार कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने बताया कि जबलपुर सेंट्रल जेल में चिकित्सकों के तीन पद स्वीकृत है। वर्तमान में केवल एक चिकित्सक ही पदस्थ है। इसकी वजह से सभी बंदियों का नियमित मेडिकल चेक-अप नहीं हो पा रहा है। इस पर युगल पीठ ने कहा कि वे राज्य सरकार से निर्देश लेकर बताएं कि चिकित्सकों के दो रिक्त पदों पर कब तक नियुक्ति की जाएगी। रिक्त पदों पर नियुक्ति होने तक चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
यह है मामला
मदनमहल निवासी अधिवक्ता विजयेंद्र चौधरी की ओर से जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि जेल में बंदियों का नियमित मेडिकल चेक-अप नहीं किया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि 24 नवंबर 2018 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल जबलपुर में विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बंदियों का नेत्र परीक्षण किया। इस शिविर में केवल 185 बंदियों का नेत्र परीक्षण किया, जबकि सेंट्रल जेल में लगभग 2500 बंदी निरूद्ध है। मामले में स्वयं पैरवी करते हुए अधिवक्ता चौधरी ने कहा कि जेल में बंदियों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने 25 जुलाई को सेंट्रल जेल जबलपुर के जेल अधीक्षक को हाजिर होने का आदेश दिया था।