हाईकोर्ट ने पूछा- क्या बक्सवाहा वन्य प्राणी कॉरीडोर में हीरा खनन की अनुमति दी गई

हाईकोर्ट ने पूछा- क्या बक्सवाहा वन्य प्राणी कॉरीडोर में हीरा खनन की अनुमति दी गई

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-22 17:42 GMT
हाईकोर्ट ने पूछा- क्या बक्सवाहा वन्य प्राणी कॉरीडोर में हीरा खनन की अनुमति दी गई



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) और नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ (एनबीडब्ल्यू) को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या बक्सवाहा वन्य प्राणी कॉरीडोर में हीरा खनन के लिए अनुमति दी गई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने इस मामले में राज्य सरकार और आदित्य बिड़ला ग्रुप की एस्सेल माइनिंग कंपनी को भी नोटिस जारी कर 24 जुलाई तक जवाब देने का निर्देश दिया है।
यह जनहित याचिका फरीदाबाद निवासी रामित बाबू, पुणे निवासी हर्षवर्धन राजाराम मेलान्ता और गौतम बुद्ध नगर निवासी पंकज चौधरी की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि छतरपुर के बक्सवाहा के जंगल के 382 हेक्टेयर वन भूमि में हीरा खदान की अनुमति देने से लगभग 2.15 लाख पेड़ काटे जाएँगे। अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने कहा कि नौरादेही वन्य प्राणी अभ्यारण्य और पन्ना टाइगर रिजर्व के बीच वन्य प्राणियों के आवागमन के लिए बक्सवाहा के जंगल से कॉरीडोर बना है। वन्य प्राणियों के कॉरीडोर में खनन के लिए एनटीसीए और एनबीडब्ल्यू से अनुमति लिया जाना जरूरी है। बक्सवाहा जंगल में हीरा खदान के लिए अनुमति निरस्त करने की माँग की गई है। जबलपुर निवासी अधिवक्ता सुदीप सिंह सैनी ने भी इस मामले में जनहित याचिका दायर की है, जिस पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है।

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