नीरव मोदी पेंटिग नीलामी को लेकर आयकर विभाग से जवाब तलब, सीएसएमटी पुल हादसे में रेलवे और मुंबई मनपा को फटकार

नीरव मोदी पेंटिग नीलामी को लेकर आयकर विभाग से जवाब तलब, सीएसएमटी पुल हादसे में रेलवे और मुंबई मनपा को फटकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-27 14:21 GMT
नीरव मोदी पेंटिग नीलामी को लेकर आयकर विभाग से जवाब तलब, सीएसएमटी पुल हादसे में रेलवे और मुंबई मनपा को फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक के करोड़ो रुपए के घोटाले के मामले में आरोपी नीरव मोदी की पेंटिग की नीलामी को लेकर आयकर विभाग(आईटी) से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने यह जवाब मोदी की कंपनी केमलाट एंटरप्राइजेज की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद मांगा। बुधवार को न्यायमूर्ति ए. कुरेशी व सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में दावा किया गया है कि आयकर विभाग ने कंपनी को एसेसमेंट का आदेश सौपे बिना ही बिना ही पेंटिंग की नीलामी शुरु कर दी है। इसके अलावा कई पेंटिंग के मालिकाना हक को लेकर विवाद है। पेंटिंग की नीलामी को लेकर आयकर विभाग ने जरुरी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। पिछले दिनों मुंबई की विशेष अदालत ने आयकर विभाग को नीरव मोदी की जब्त की गई 68 पेटिंग को बेचने की इजाजत दी थी। और पेंटिंग को बेचने के बाद मिलनेवाली रकम को प्रवर्तन निदेशालय को सौपने को कहा था। आयकर विभाग की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि आयकर विभाग ने सारी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही नीलामी की प्रक्रिया की शुरुआत की है। याचिकाकर्ता कंपनी के ज्यादातर शेयर नीरव मोदी के है। इसके अलावा कंपनी के तीन निदेशक है जिसमे से दो फरार है और एक जेल में है। फिर भी आयकर विभाग ने संबंधित लोगों के पास अपने आदेश की प्रति भेजी है। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने आयकर विभाग को एक हलफनामा दायर कर अपना जवाब देने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 1 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है। 

सीएसएमटी पुल हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने रेलवे व मुंबई मनपा को लगाई फटकार

इसके अलावा बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि पुलों के नियमित रुप से आडिट हो रहे है तो मुंबई में पुल गिरने के हादसे क्यों हो रहे है? हाईकोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी पिछले दिनों छत्रपति शिवाजी महराज टर्मिनस (सीएसएमटी) में हुए पुल हादसे को लेकर की है। इसके साथ ही रेलवे व मुंबई महानगर पालिका (मनपा) को कड़ी फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने कहा कि मनपा व रेलवे के अधिकारी समन्वय के साथ काम नहीं करते है। परिणाम स्वरुप पुलो के गिरने जैसे हादसे सामने आते है। बीते 14 मार्च 2019 तो सीएसएमटी में हुए पुल हादसे में 6 लोगों की जान चली गई थी जबकि 31 लोग घायल हो गए थे। इससे पहले रेलवे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुरेश कुमार ने कहा कि सीएसएमटी में जो हादसा हुआ वह मुंबई मनपा की ओर से बरती गई लापरवाही के चलते हुआ है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अब हादसे के बाद किसी को दोष देने का मतलब नहीं है लेकिन रेलवे व मनपा के अधिकारी आपस में तालमेल के साथ काम नहीं करते है। इसलिए पुल गिरने के हादसे होते है। खंडपीठ ने कहा कि रेलवे व मनपा दावा करती है कि उसके पास विशेषज्ञ लोग है वे नियमित पुलों का आडिट करते है लेकिन आप दोनों (रेलवे व मनपा) समन्वय के साथ काम क्यों नहीं करते है? रेलवे व मनपा के अधिकारी मौजूदा पुलों की सुरक्षा के संबंध में संयुक्त बैठक ले। पुल गिरने के हादसे में लोग मारे गए लेकिन कुछ नहीं किया जा रहा है। यह हो क्या रहा है? खंडपीठ के सामने साल 2017 में हुए मुंबई के एलफिस्टन(अब प्रभादेवी)  रेलवे स्टेशन पर हुए भगदड के हादसे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले में याचिकाकर्ता को रिसर्च कर आवेदन दायर करने को कहा है। 
 

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