Mumbai News: छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतिमा गिरने के मामले में संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटील को जमानत
- पाटिल को 30 अगस्त को कोल्हापुर से किया गया था गिरफ्तार
- छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतिमा गिरने के मामले में जमानत
Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को मालवन के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटील को जमानत दे दी। अदालत ने माना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नौसेना दिवस पर अनावरण किए जाने के करीब 9 महीने बाद 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की 35 फुट ऊंची प्रतिमा गिरने में पाटील की कोई भूमिका नहीं थी। सिंधुदुर्ग पुलिस ने पाटील को 30 अगस्त को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति ए.एस.किलोर की एकल पीठ के समक्ष चेतन पाटील की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील निरंजन मुंदरकी ने दलील दी कि याचिकाकर्ता की छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने में कोई भूमिका नहीं थी। उन्हें केवल प्रतिमा के आधार की संरचनात्मक स्थिरता रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। वह प्रतिमा गिरने के बाद भी वह आधार बरकरार है। पीठ ने कहा कि पाटिल को इस मामले में फंसाने का कोई कारण नहीं बनता, क्योंकि उन्हें प्रतिमा के संरचनात्मक डिजाइनर के रूप में नियुक्त नहीं किया गया था। इस मामले में एक अन्य आरोपी जयदीप आप्टे को भी गिरफ्तार किया गया था, जो प्रतिमाकार और ठेकेदार था।
पीठ ने कहा कि वह 25 नवंबर को उसकी (आप्टे) की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। सिंधुदुर्ग पुलिस ने पिछले महीने आप्टे और पाटिल के खिलाफ प्रतिमा गिरने के लिए लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत एफआईआर दर्ज की थी। सेशन कोर्ट ने उनकी याचिकाएं खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख किया।