Mumbai News: अदालत से शिवसेना उद्धव गुट के नेता अनिल परब के करीबी सहयोगी सदानंद कदम को झटका
- अदालत ने कदम की याचिका पर सुनवाई करने से किया इनकार
- दापोली साईं रिसॉर्ट का मामला
- अदालत ने कदम को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में अपील करने को कहा
Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट से शिवसेना उद्धव गुट के नेता अनिल परब के करीबी सहयोगी सदानंद कदम को झटका लगा है। अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि यह (याचिका) सुनवाई योग्य नहीं है। अदालत ने कदम को 25 लाख रुपए का भुगतान करने के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) में अपने मामले को जाने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है।न्यायमूर्ति एम.एस.सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र शांतिलाल जैन की पीठ के समक्ष सदानंद कदम की ओर से वकील साकेत मोने की दायर याचिका पर सुनवाई के लिए आयी। याचिका में भारत सरकार के सीआरजेड के उल्लंघन के लिए दापोली साई रिसॉर्ट को ध्वस्त करने के आदेश को चुनौती दी गयी थी। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) में अपील करे। इसके लिए उसे 25 लाख रुपए का भुगतान कर एनजीटी में ले जाने का चार सप्ताह का समय दिया जा रहा है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दापोली साईं रिसॉर्ट के तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना 2011 का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें सीआरजेड के उल्लंघन के लिए उसे तोड़ने की बात कही गयी थी। सदानंद कदम ने नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। आरोप है कि परब के करीबी सदानंद कदम ने दापोली में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के मानदंडों का उल्लंघन कर साईं रेसार्ट का निर्माण किया। इसके लिए राज्य के राजस्व विभाग से सीआरजेड(तीन)यानी नो डेवलपमेंट जोन के तहत आने वाले भूखंड पर बंगले के निर्माण के लिए अवैध रूप से अनुमति प्राप्त की और बाद अवैध रूप से रिसॉर्ट का निर्माण कराया गया।