Mumbai News: चुनाव में नजर आए इस जज्बे को सलाम, बुजुर्गों ने मतदान करने में कसर नहीं छोड़ी

  • स्वतंत्रता सेनानी ने किया मतदान
  • सभी चुनावों में किया मतदान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-21 13:22 GMT

Mumbai News : मुंबई सहित महाराष्ट्र के 288 विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान हुआ। वोटिंग में सबसे बड़ी बात यह रही कि बुजुर्ग ने भी गजब का उत्साह दिखाया। अपनी उम्र और बीमारी की परवाह न करते हुए मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इन्हीं में से एक है 113 वर्षीय कांचनबेन नंदकिशोर बादशाह। नेपियनसी रोड पर रहनेवाली कांचनबेन सुबह अपनी गाड़ी से अपने परिवार के साथ मतदान करने के लिए केम्प्स कॉर्नर स्थित मतदान केंद्र पहुंची थी। 113 वर्ष होने के बाद भी कांचन के इस जज्बे को देखते हुए चुनाव अधिकारी ने उनका पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। चुनाव आयोग द्वारा मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर, व्हीलचेयर-अनुकूल वैन, दिव्यांग-अनुकूल बसें, सीढ़ियां चढ़ने वाली व्हीलचेयर, मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों के लिए नियुक्त कर्मचारी, एनएसएस स्टूडेंट आदि जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के कारण सुबह 7 बजे से कई बुजुर्ग लोगों ने मुंबई के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

सभी चुनावों में किया मतदान

उत्तर भारतीय संघ के पूर्व अध्यक्ष मिठाईलाल सिंह भी उन मतदाताओं में शामिल थे जिन्होंने शारीरिक परेशानियों की परवाह किए बिना 95 साल की उम्र में पोलिंग बूथ पर जाकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सिंह ने आजाद भारत के पहले चुनाव से लेकर बुधवार को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों हर बार मतदान किया है।

स्वतंत्रता सेनानी ने किया मतदान

मलाबार हिल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले 103 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी जी.जी पारिख ने भी ग्रांट रोड स्थित गिरटन हाई स्कूल के एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जी.जी पारिख अपने पड़ोसी और नौकरानी के सहयोग से व्हीलचेयर पर बैठकर मतदान केंद्र तक पहुंचे और वोट डाला। उनके सहयोगियों ने कहा कि शताब्दी वर्ष के स्वतंत्रता सेनानी पारिख वर्ष 1951-52 में भारत के पहले आम चुनाव के बाद से मतदान कर रहे हैं।

मुलचेरा में 111 वर्षीय वृद्धा ने केंद्र पर पहुंचकर की वोटिंग

उधर गड़चिरोली की बात करें तो आदिवासी बहुल, नक्सल प्रभावित जिले की मूलचेरा तहसील के गोविंदपुर मतदान केंद्र पर बुधवार को जब 111 वर्षीय फूलमती बिनोद सरकार (111)व्हील चेयर पर मतदान करने पहुंची तो प्रशासन और मतदाताओं ने उनका फूलों से स्वागत किया। सनद रहे कि, फूलमती देवी ने घर से मतदान करने से इनकार कर दिया और मतदान केंद्र में पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने अन्य मतदाताओं का उत्साह बढ़ाते हुए सभी से मतदान करने की अपील भी की। बताया जाता है कि 1 जनवरी 1913 को जन्मी फूलमती देवी के घर पहुंचकर प्रशासकीय अधिकारियों ने गृह मतदान के लिए प्रेरित किया था। लेकिन उन्होंने गृह मतदान से साफ इनकार कर दिया था। जब बुधवार को वे मतदान केंद्र पहुंची तब प्रशासन की ओर से अहेरी के अपर जिलाधिकारी विजय भाकरे ने उनका सत्कार भी किया।

कोरोना टीकाकरण में भी फूलमती ने किया था नेतृत्व

बता दें कि, कोरोना काल के दौरान चलायी गई कोराेना टीकाकरण मुहिम में भी फूलमती देवी ने हिस्सा लिया था। शुरुआती दौर में अनेक लोगों ने कोरोना का टीका लगवाने से इनकार किया था। तब फूलमती देवी ने कोरोना टीकाकरण के लिए चलायी गई मुहिम का नेतृत्व करते हुए लोगों से यह टीका लगाने का आह्वान किया था। गत लोकसभा चुनाव के मतदान दिन भी फूलमती ने गोविंदपुर के केंद्र पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

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