हाईकोर्ट और जिला अदालत में अधिवक्ताओं ने नहीं की पैरवी, पीठ से 6 जिले अलग करने का विरोध
हाईकोर्ट और जिला अदालत में अधिवक्ताओं ने नहीं की पैरवी, पीठ से 6 जिले अलग करने का विरोध
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर से 6 जिले अलग करने के विरोध में आज मंगलवार 3 सितंबर को अधिवक्ता हाईकोर्ट और जिला अदालत में पैरवी नहीं कीे। यह निर्णय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, हाईकोर्ट एड्वोकेटस बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन की ओर से कल संपन्न हुई बैठक में संयुक्त रूप से लिया गया था ।
6 जिलों को अलग किया जाना हाईकोर्ट के टुकड़े करने के समान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमन पटेल और सचिव मनीष तिवारी ने बताया कि विधि और विधायी विभाग के अतिरिक्त सचिव ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया कि हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर के अंतर्गत आने वाले हरदा, हरसूद, खंडवा, बुरहानपुर, आष्टा और सीहोर को इंदौर खंडपीठ में शामिल किए जाने पर विचार किया जाए। इसके विरोध में अधिवक्ता मंगलवार को हाईकोर्ट और जिला अदालत से न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष परितोष त्रिवेदी ने कहा कि मुख्य पीठ से 6 जिलों को अलग किया जाना हाईकोर्ट के टुकड़े करने के समान है। एसोसिएशन के शंभूदयाल गुप्ता, पंकज तिवारी, ओपी अग्निहोत्री, प्रमेन्द्र सेन, योगेश सोनी, मनोज कुमार रजक, अजितेश तिवारी, प्रियंका मिश्रा, यश सोनी, संगीता नायडू और अजय शुक्ला ने कहा कि किसी भी कीमत पर मुख्य पीठ से 6 जिलों को अलग नहीं होने दिया जाएगा।
जबलपुर की अस्मिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक और सचिव राजेश तिवारी ने कहा है कि जबलपुर की अस्मिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संघ के एचआर नायडू, मंजू सिंह, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, गोपाल पटेल, अमित साहू, ज्योति कुरील, अजय दुबे, प्रदीप परसाई, मधु राणा, अमित आचार्य, मनोज शिवहरे और ऋषि कुमार सिंघाला ने कहा है कि जब तक पत्र को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन किया जाएगा। बार एसोसिएशन की ओर से कल संपन्न हुई बैठक में संयुक्त रूप से लिया गया था।