6 साल से केंद्र से नहीं मिली फूटी कौड़ी, राज्य सरकार ने भी बंद कर दिए वृद्धाश्रमों के अनुदान
सतना 6 साल से केंद्र से नहीं मिली फूटी कौड़ी, राज्य सरकार ने भी बंद कर दिए वृद्धाश्रमों के अनुदान
डिजिटल डेस्क,सतना। यही हाल रहा तो अटल वयो अभ्युदय योजना के तहत जिले में संचालित चंद्राशय समेत आधा दर्जन वृद्धाश्रम आज नहीं तो कल बंद हो जाएंगे इन वद्धाश्रमों को जहां 6 साल बाद भी केंद्र सरकार से अनुदान मद में फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है, वहीं केंद्र से आर्थिक मदद मिलने का हवाला देकर राज्य सरकार के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने भी वार्षिक अनुदान बंद कर दिया है। 6 माह से वृद्धाश्रमों को आर्थिक मदद बंद है।
इस स्थिति में इनमें रहने वाले निराश्रित बुजुर्गों के सामने जीवन निर्वाह का संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों के वेतन के लाले हैं और बिजली कटने का डर भी हर वक्त बना रहता है। आरोप है कि वर्ष 2016 से वर्ष 2021 तक यहां के वृद्धाश्रम निरंतर केंद्र के ई-अनुदान पोर्टल पर प्रस्ताव अपलोड करते रहे हैं, लेकिन वृद्धाश्रमों को कभी भी केंद्रीय अनुदान नहीं मिला।
इस हालत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार
बड़ा सवाल यह है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है? जानकारों के मुताबिक भारत शासन के सामाजिक कल्याण विभाग ने विगत 25 अप्रैल को राज्य शासन को पत्र लिख कर मान्यता प्राप्त वृद्धाश्रमों के लिए केंद्रीय अनुदान हेतु प्रस्ताव मांगे थे। प्रस्ताव 7 दिन के अंदर यानि एक मई की स्थिति में भारत सरकार के ई-पोर्टल पर अपलोड किए जाने थे। मगर, आरोप है कि जिले के सामाजिक कल्याण एवं नि:शक्त जन कार्यालय ने जिले के वृद्धाश्रमों को ई-अनुदान पोर्टल पर प्रस्ताव अपलोड करने की सूचना टाइम लिमिट खत्म होने के 12 दिन बाद पत्र के जरिए 12 मई को दी।
यह भी बताया गया कि प्रस्ताव अपलोड करने की लास्ट डेट 25 मई है। मगर, जब वृद्धाश्रम के संचालकों ने जब ई-अनुदान पोर्टल पर प्रस्ताव अपलोड करने की कोशिश की तो पता चला कि पोर्टल तो बंद हो चुका है। इस तरह इन वृद्धाश्रमों को जहां केंद्रीय अनुदान नहीं मिला, वहीं मई माह में राज्य शासन ने भी इनकी निराश्रित राशि का भुगतान बंद कर दिया।
6 आश्रय स्थलों में 200 बुजुर्ग, इनमें 85 महिलाएं मगर, कौन सुने फरियाद
जानकारों के मुताबिक जिले के 6 वृद्धाश्रमों में लगभग 200 बजुर्ग हैं। इनमें 115 पुरुष और लगभग 85 महिलाएं हैं। मई 2022 से पूर्व राज्य सरकार के निराश्रित फंड से इन वरिष्ठ आश्रमों को सालाना लगभग 7 लाख रुपए की अनुदान राशि मिला करती थी। लगभग 6 माह से अनुदान नहीं मिलने के कारण वृद्धाश्रमों में आर्थिक संकट गहरा चुका है। कई वृद्धाश्रमों में कलेक्टर की पुरानी दर से मानेदय दिया जा रहा है। इस मामले में नागौद विधायक जहां सामाजिक न्याय मंत्री प्रेम सिंह को चिट्ठी लिख चुके हैं, वहीं कलेक्टर अनुराग वर्मा ने भी शासन को दो डीईओ लिखे हैं, मगर नतीजा शिफर है।
8 वर्ष से नहीं मिला दवाओं का भी खर्च
वर्ष 2015 से दवा मद भी बंद है। सामाजिक न्याय के तबके प्रभारी उप संचालक दयाशंकर सिंह ने इस मद को खत्म कर दिया था। जिले में अभी सतना के नीमी में डॉ. लालता खरे पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट चंद्राशय मां शारदा प्रबंध समिति मैहर, प्रमोदवन चित्रकूट, दुर्गा वृद्ध सेवा समिति सरभंगा, मॉडल शिक्षा समिति बिरसिंहपुर और प्रभा श्रीजन कल्याण समिति श्यामनगर उचेहरा में वृद्धाश्रम संचालित हैं।
इनका कहना है-
1- विषय हमारे संज्ञान में है। विस्तृत जानकारी के लिए इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। यथा संभव कदम उठाए जाएंगे।
प्रेम सिंह पटेल, मंत्री (सामाजिक न्याय एवं नि:सशक्त जन)
2- शासन अनुदान क्यों रोकेंगा? केंद्रीय अनुदान के लिए हेतु ई-पोर्टल पर प्रस्ताव के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया था। ई-अनुदान पोर्टल के खुलने पर ही प्रस्ताव स्वीकृत करने की प्रक्रिया संभव होगी।
राजश्री राय,संयुक्त संचालक (सामाजिक न्याय)
वर्तमान स्थिति
अटल वयो अभ्युदय योजना
वरिष्ठ आश्रम : 6
कुल बुजुर्ग : 200
पुरुष : 115
महिला: 85