ईडब्ल्यूएस के लिए निर्धारित 8 लाख रुपए वार्षिक आय सीमा पर फिर से करेंगी विचार
सुप्रीम कोर्ट ईडब्ल्यूएस के लिए निर्धारित 8 लाख रुपए वार्षिक आय सीमा पर फिर से करेंगी विचार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह सवर्ण वर्ग के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए निर्धारित 8 लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा पर फिर से विचार करने का फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि वह एक समिति बनाकर इस पर 4 सप्ताह के भीतर एक नया निर्णय ले लेंगे। साथ ही कोर्ट को आश्वासन दिया कि एनईईटी प्रवेश के लिए काउंसलिंग भी चार सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित कर दी जाएगी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा सीटों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष यह बाते कहीं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले ईडब्ल्यूएस के लिए तय किए गए मानदंड के बारे में कई सवाल उठाए थे और अपनी टिप्पणी में इसे मनमाना बताया था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने अपनी दलील में सुझाव दिया कि ईडब्ल्यूएस के कार्यान्वयन को अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए स्थगति किया जा सकता है, क्योंकि इस वर्ष के लिए प्रवेश पहले ही देरी हो रही है। इस जस्टिस चंद्रचूड़ ने तुषार मेहता से पूछा कि क्या इस विकल्प पर विचार किया जा सकता है। क्योंकि आप जो भी करना चाहते है वह अगले साल ही लागू हो सकता है। पीठ ने आदेश में कहा कि काउंसलिंग को स्थगित करने के संबंध में केन्द्र द्वारा दिया गया आश्वासन जारी रहेगा और मामले को 6 जनवरी 2022 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाता है।