प्लेटफार्म पर खड़ी रही ट्रेन इंजन गायब, कंट्रोल में कॉल लगाकर मांगी मदद
प्लेटफार्म पर खड़ी रही ट्रेन इंजन गायब, कंट्रोल में कॉल लगाकर मांगी मदद
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर से चलकर दिल्ली की ओर जाने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस का मंगलवार की दोपहर को इंजन गायब हो गया। इंजन न होने से ट्रेन में बैठे यात्री भीषण गर्मी में मछली की तड़प गए।उन्होंने पहले तो रेलवे स्टाफ से मदद मांगी और उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वो प्लेटफॉर्म पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। यात्रियों के आक्रोश को देखते हुए जब रेलवे स्टाफ ने गायब इंजन के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि इंजन रेल लाइन पर कहीं फंस गया था, जिसके कारण आने में लगातार देरी होती गई। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिन में यह तीसरी ऐसा वाक्या है जब गोंडवाना एक्सप्रेस कभी इंजन नहीं लगे तो कभी एसी खराब होने की वजह से घंटों लेट रवाना हुई है, जिसकी वजह से यात्री भीषण गर्मी में पसीने-पसीने होकर निढाल हो गए।
कई मासूम बच्चों घुटन के कारण हो गए निढ़ाल
एक घंटे से प्लेटफॉर्म पर खड़ी आग सी तपती ट्रेन में गर्म लू के थपेड़े खा रहे हैं। अगर और थोड़ी देर में ट्रेन नहीं चली तो यकीन मानिए कई मासूम बच्चों की घुटन के कारण जान निकल जाएगी.. शाम के 4 बज चुके हैं और अभी तक गोंडवाना एक्सप्रेस का इंजन नहीं आया है। कुछ करिए.. बहुत परेशानी में हैं... रेलवे कंट्रोल में एक महिला यात्री के आए फोन ने कंट्रोल रूम के स्टाफ के होश उड़ा दिए। आनन-फानन में मैकेनिकल विभाग को फोन लगाया गया तो पता चला कि इंजन चला तो है लेकिन पहुंचा क्यों नहीं, पता लगाते है। शाम करीब 4.20 बजे इंजन आया और ट्रेन चली तब जाकर यात्रियों ने राहत की सांस ली।
दोपहर पौने तीन बजे से यात्री धूप में तपते रहे
दिल्ली जाने वाली अनीता शर्मा, शिवेन्द्र खरे, सुनील दाहिया आदि ने बताया कि गोंडवाना एक्सप्रेस दोपहर 3 बजे प्लेटफॉर्म नं. 6 से जाती है। मंगलवार को ट्रेन पौने तीन बजे प्लेटफॉर्म पर खड़ी मिली। कोच के भीतर लाइट नहीं थी, पंखे बंद थे। यात्रियों ने सोचा कि 3 बजे गाड़ी चलती है, इसलिए थोड़ी देर में लाइट और पंखे-एसी चालू हो जाएंगे लेकिन दोपहर के साढ़े तीन बज गए, न तो ट्रेन चली, न एसी-पंखे चले। भीषण गर्मी और धूप में आग की तपती गर्मी में भट्टी की तरह दहकती ट्रेन में बिना एसी-पंखों के यात्रियों का दम निकलने लगा।
कोई तो बताओ क्यों नहीं चल रही गाड़ी
गाड़ी रवाना होने के टाइम के बाद करीब 1 घंटा निकलने पर शाम 4 बजे यात्रियों का गुस्सा उस समय फुटने लगा जब कोच में बंद बिना एसी और पंखों के मासूम बच्चे पसीने और गर्मी की वजह से निढाल होने लगे और उनके गले प्यास के मारे सूखने लगे, बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और पसीने-पसीने यात्री कोच के बाहर आने लगे। इसी बीच कुछ यात्रियों ने रेलवे स्टाफ को पकड़ कर पूछा कि इतनी देर से ट्रेन क्यों नहीं चल रही है, तो किसी के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। बाद में पता चला कि इंजन लाइन पर कहीं फंस गया था शाम 4 बजे के बाद रेलवे के स्टाफ को जानकारी मिली कि इंजन कोचिंग यार्ड से तो निकला था लेकिन कहीं अटक गया है। इस बीच रेलवे स्टाफ ने जब मैकैनिकल विभाग के तकनीकी स्टाफ से संपर्क किया तो पता चला कि जबलपुर रेलवे स्टेशन पर चल रही री-स्ट्रक्चरिंग वर्क के कारण गोंडवाना एक्सप्रेस का इंजन बीच लाइन में ही फंस गया था, जिसे निकालकरजाने में करीब सवा घंटे का समय लग गया। जिसके आने के बाद ही ट्रेन रवाना हो सकी।