फर्जी फायर एनओसी रैकेट का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड खरगौन से गिरफ्तार
सतना फर्जी फायर एनओसी रैकेट का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड खरगौन से गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, सतना। सिविल लाइन पुलिस ने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को जाली फायर एनओसी जारी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश कर मास्टरमाइंड को खरगौन से गिरफ्तार कर लिया, जिसे कोर्ट में पेश कर 5 दिन की रिमांड मंजूर कराई गई है। टीआई अर्चना द्विवेदी ने बताया कि बीते 9 अगस्त को नगर निगम के फायर अधिकारी आरपी सिंह परमार ने पत्र लिखकर समरिटन हॉस्पिटल पतेरी के द्वारा जाली फायर एनओसी प्रस्तुुत करने पर कार्रवाई का आग्रह किया था।
ऐसे सामने आया फर्जीवाडा ---
ननि के पत्र पर पुलिस ने जांच शुरू कर अस्पताल प्रबंधन से जवाब तलब किया गया, तो पता चला कि प्रबंधन के पास प्रारंभ में अस्थायी अनापत्ति प्रमाण पत्र शासन से अधिकृत से प्राप्त किया गया था, जिसका उल्लेख संस्था की वेबसाइट में प्रदर्शित था। इसके कुछ दिन बाद एक व्यक्ति ने टेलीफोन के जरिए समरिटन अस्पताल के प्रबंधक से सम्पर्क कर फायर कन्सलटेंट के रूप में परिचय देते हुए स्थायी फायर एनओसी बनाने पर चर्चा की, लिहाजा संस्थान ने आवश्यक दस्तावेजों के साथ 36 हजार रुपए का शुल्क ऑनलाइन जमा करा दिया। कुछ दिन बाद तथाकथित कन्सलटेंट ने ऑनलाइन ही एनओसी भेज दी। यही एनओसी 8 अगस्त को नगर निगम से नोटिस मिलने पर प्रस्तुत की गई, जो जांच में फर्जी निकली। इन तथ्यों को देखते हुए पुलिस ने संबंधित कन्सलटेंट के बारे में खोजबीन कराई, मगर शासन से अधिकृत व्यक्तियों में उसका नाम नहीं मिला।
8 दिन तक तीन शहरों के लगाए चक्कर ---
जाली फायर एनओसी बनाने वाले जालसाज की तलाश में फौरन ही एक टीम भोपाल के लिए रवाना की गई, जिसने साइबर सेल के सम्पर्क में रहकर राजधानी के साथ ही इंदौर और खरगौन में दबिश डाली, मगर शातिर आरोपी लगातार ठिकाने बदलकर चकमा देता रहा। अंतत: 8 दिन की कोशिशों के बाद 31 अगस्त की रात को आरोपी प्रमोद विश्वकर्मा पुत्र मनोहरलाल विश्वकर्मा 36 वर्ष, निवासी तिजोरी-नादरा, जिला खरगौन, को पकड़ लिया गया, जिसे गुरूवार शाम को सतना लाकर न्यायालय में पेश करते हुए 5 दिन की पुलिस रिमांड मंजूर कराई गई। आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में जुर्म कबूलने के साथ ही कई अन्य संस्थानों को भी जाली एनओसी जारी करने का खुलासा किया है। आरोपी से विस्तृत सवाल-जवाब के अलावा गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी व इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जब्ती के लिए रिमांड की अवधि में इंदौर, भोपाल व खरगौन ले जाने की तैयारी की जा रही है।
इस टीम को मिली सफलता ---
फर्जी एनओसी रैकेट का भंडाफोड़ करने में टीआई अर्चना द्विवेदी के साथ एसआई सुभाषचंद्र वर्मा, एएसआई हीरालाल मिश्रा, आरक्षक अंकेश मरमट, साइबर सेल प्रभारी अजीत सिंह, एएसआई दीपेश पटेल और आरक्षक संदीप सिंह परिहार ने अहम भूमिका निभाई। थाना प्रभारी के मुताबिक इस रैकेट के द्वारा सतना समेत प्रदेश के अन्य जिलो में संस्थानों को फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए जाने के प्रारंभिक साक्ष्य मिल हैं। पूछताछ में बडे और कई चौकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।