19 महीने बाद भी स्टार हेल्थ ने कोविड के मरीज को नहीं दिया क्लेम

बीमित की अपने मन से ही फाइल क्लोज कर दी जिम्मेदारों ने 19 महीने बाद भी स्टार हेल्थ ने कोविड के मरीज को नहीं दिया क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-17 11:23 GMT
19 महीने बाद भी स्टार हेल्थ ने कोविड के मरीज को नहीं दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। अचानक होने वाली बीमारियों में बीमा कंपनी का सहारा मिलने की आशा आम आदमी में होती है। पूरे परिवार की लोग विभिन्न नामों से संचालित होने वाली बीमा कंपनियों से पॉलिसी लेते हैं। यहाँ तक कि सालों से बीमा पॉलिसी का प्रीमियम भी जमा करते आ रहे हैं, उसके बाद भी जब सहयोग की बात आती है तो अस्पताल में बीमा कंपनी के द्वारा कैशलेस नहीं किया जाता है।

बिल सबमिट किया जाता है तो अनेक प्रकार की क्वेरी निकाली जाती हैं और उसके बाद गलत बिल या फिर पुरानी बीमारी का हवाला देकर बीमित की फाइल क्लोज कर दी जाती है। यह गोलमाल सभी पॉलिसीधारकों के साथ बीमा कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है। पीड़ित अब न्याय की गुहार कंज्यूमर कोर्ट व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर लगा रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ

स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

हमें कहा गया कि आपको घर पर रहकर कराना था इलाज

परिजात बिल्डिंग दमोहनाका रोड के समीप रहने वाली संध्या नेमा ने शिकायत में बताया कि पॉलिसी क्रमांक पी/201116/01/2021/017359 का स्वास्थ्य बीमा संचालित कराते आ रहे हैं। अप्रैल 2021 में कोविड की शिकार होने के कारण निजी अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल से कैशलेस के लिए मेल किया गया तो बीमा कंपनी ने बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान करने का वादा किया था। बीमित ने ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे बिल व रिपोर्ट सबमिट की तो बीमा अधिकारियों ने जल्द भुगतान करने की बात कही और क्लेम नंबर भी दिया।

क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने अनेक बार परीक्षण करते हुए क्वेरी निकालीं। बीमित ने सत्यापित कराकर ब्रांच के अधिकारियों व मेल के द्वारा बीमा कंपनी में दोबारा दस्तावेज जमा किए, पर जिम्मेदारों के द्वारा बाद में यह कह दिया गया कि आप को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत ही नहीं थी, बल्कि घर पर रहकर इलाज कराना था। पॉलिसीधारक श्रीमती नेमा का आरोप है कि उनके साथ स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा धोखा किया गया है और वे अब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में बीमा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई और भुगतान दिलाने के लिए आवेदन देंगी।

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