अलग-अलग मेल आईडी, मगर एक ही पासवर्ड से 112 उपभोक्ताओं से हुई थी 22 लाख से भी ज्यादा की ठगी

दैनिक भास्कर पड़ताल अलग-अलग मेल आईडी, मगर एक ही पासवर्ड से 112 उपभोक्ताओं से हुई थी 22 लाख से भी ज्यादा की ठगी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-03 11:22 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क,सतना। पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एकाउंट में बिल की राशि जमा करने की आड़ में तकरीबन 22 लाख 5 हजार 424 रुपए की राशि के फ्रॉड के लिए सभी 112 ट्रांजेक्शन एक ही पासवर्ड से किए गए थे। मगर, इस फर्जीवाड़े में अलग-अलग मेल आईडी का इस्तेमाल किया गया था। कंपनी सूत्रों के एक दावे के मुताबिक जबलपुर से शुक्रवार को यहां जांच के लिए आये विद्युत कंपनी के साइबर सिक्योरिटी के एक्सपर्ट विपिन धड़क उस वक्त दंग रह गए जब उन्होंने 112 संदिग्ध ट्रांजेक्शन के पासवर्ड की ड़ुप्लीकेट वैल्यूज चेक की तो सभी लेनदेन एक ही पासवर्ड पर कोड हो गए।

अब सवाल यह है कि लाखों की इस आर्थिक धोखाधड़ी में क्या सिर्फ एक शख्स शामिल है? या फिर इसमें कोई बड़ा संगठित गिरोह शामिल है। इन्हीं सूत्रों के मुताबिक 22 लाख से भी ज्यादा के सभी 112 पेमेंट कैंसिल कर दिए गए हैं। जांच में धोखाधड़ी के 2 और केस बढ़े हैं। पहले यह संख्या 110 थी। सबसे पहले 54 मामलों में 10 लाख 27 हजार का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया था।

रेलवे की रकम में भी धोखाधड़ी 

जांच में यह तथ्य सामने आया है कि ठगों ने रेलवे को भी नहीं छोड़ा। 26 अगस्त को पश्चिम मध्य रेलवे की ओर से  बिजली बिल के मद भरे गए 28 हजार 982 रुपए की राशि दो टुकड़ों में अलग-अलग लाभार्थियों के आईवीआरएस नंबरों पर जमा करा दी गई। यानि रेलवे के यूटीआर नंबरों का दुरुपयोग करते हुए 15 हजार 482 रुपए की राशि दुष्यंत सिंह (कनेक्शन नंबर-1904004282) और इसी दिन रेलवे की ही 13 हजार 500 रुपए की बिल राशि रुबीना खातून (कनेक्शन नंबर- 1905002132) के आईवीआरएस पर मैनुअली पोस्ट की गई। रेलवे के साथ एक ही दिन में की गई धोखाधड़ी के ये तो महज नमूने हैं। राशि और भी बड़ी हो सकती है। जांच अभी जारी है।  

इसी बीच सामने आये फर्जीवाड़े के एक पीडि़त ने उगले राज 

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

बिजली बिलों के भुगतान में धोखाधड़ी के इस बहुचर्चित मामले में शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से कई अहम खुलासे हुए। बिजली अफसरों की पूछताछ में गिरधारी लाल सोनी ने माना कि 11 हजार रुपए के बिजली बिल के भुगतान के एवज में उन्होंने दो किश्तों में हनुमान चौक स्थित कियोस्क संचालक अनुराग गुप्ता को पहले 4 हजार और फिर 5 हजार 400 रुपए की राशि दी थी। कियोस्क संचालक अनुराग ने गिरधारी लाल को बिल जमा होने की रसीद तो दी मगर बिल नहीं जमा किया।

आरोप है कि कियोस्क संचालक ने 26 अगस्त को लोटस इन्फ्रा रियालिटी द्वारा जमा किए गए 5 हजार 443 रुपए की राशि के यूटीआर नंबर 22238437146 का दुरुपयोग करते हुए इस पर गिरधारी लाल सोनी के आईवीआरएस की मैनुअल पोस्टिंग करा दी। आरोप यह भी है कि कियोस्क संचालक अनुराग गुप्ता ने इससे पहले 23 अगस्त को भी 4 हजार रुपए की राशि की फर्जी मैनुअल पोस्टिंग कराई थी। यानि कियोस्क संचालक ने गिरधारी लाल सोनी से बिल भुगतान के लिए 9 हजार 400 रुपए अपनी जेब में डाल लिए और लोटस इन्फ्रा रियालिटी की बिल राशि से खेल कर दिया।

अब क्या होगा

इस मसले पर अब क्या होगा? सिटी डिवीजन के एक कंपनी आफीसर ने बताया कि साक्ष्य उपलब्ध होने के बाद अगर गिरधारी लाल सोनी इस फर्जीवाड़े में कंपनी की सहयोग नहीं देते हैं तो कियोस्क संचालक के साथ साथ फर्जीवाड़े से अनुचित लाभ लेने के मामले में उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। अब यह साफ हो चुका है कि कियोस्क संचालक ने गिरधारी लाल को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए लोटस के यूटीआर का दुरुपयोग किया था।
 

Tags:    

Similar News