30 अप्रैल को होने एमपीएससी की परीक्षा से पहले डेटा लीक- साइबर पुलिस छानबीन में जुटी
एमपीएससी में हड़कंप 30 अप्रैल को होने एमपीएससी की परीक्षा से पहले डेटा लीक- साइबर पुलिस छानबीन में जुटी
टेलीग्राम चैनल पर दावा 90 हजार अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र ही नहीं उसके पास प्रश्न-पत्र भी मौजूद
प्रवेश पत्र को लेकर साइबर पुलिस से शिकायत, छानबीन में जुटी पुलिस
आयोग ने प्रश्न पत्र लीक से इनकार किया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की 30 अप्रैल को होने वाली परीक्षा से जुड़ा डेटा लीक होने से हड़कंप मच गया है। एक टेलीग्राम चैनल के जरिए दावा किया गया है कि उनके पास 90 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र ही नहीं, प्रश्न-पत्र भी मौजूद हैं। कुछ अभ्यर्थियों के प्रवेश-पत्र साझा करते हुए उम्मीदवारों के ऑनलाइन पोर्टल लॉग इन, फीस रसीद, अपलोड किए गए कागजात, आधार क्रमांक, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और दूसरी जानकारियां भी उपलब्ध होने का दावा किया गया है। अराजपत्रित समूह बी और सी के लिए आगामी रविवार को संयुक्त पूर्व परीक्षा होनी है। विवाद के बाद यह टेलीग्राम चैनल डिलीट कर दिया गया है। एमपीएससी की ओर से प्रवेश पत्र लीक करने वाले टेलीग्राम चैनल के एडमिन के खिलाफ साइबर पुलिस में शिकायत की है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
प्रश्न पत्र सुरक्षित- आयोग
आयोग की ओर से सफाई जारी की गई है। प्रवेश पत्र लीक होने की बात स्वीकार की गई है। लेकिन प्रश्न पत्र लीक होने के दावे को झूठा बताया है। आयोग ने कहा कि छात्र प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकें, इसके लिए 21 अप्रैल को आधिकारिक वेबसाइट पर एक बाह्यलिंक उपलब्ध कराई गई थी। इसी लिंक पर उपलब्ध कराए गए प्रवेश पत्र एक टेलीग्राम चैनल पर दिख रहे हैं। इसके बाद प्रवेश पत्र के लिए उपलब्ध कराई गई बाह्यलिंक बंद कर दी गई। आयोग के मुताबिक टेलीग्राम चैनल पर उपलब्ध कराए गए प्रवेश पत्र के अलावा कोई डेटा लीक नहीं हुआ है। विशेषज्ञों से इसकी पुष्टि करा ली गई है। आयोग ने उम्मीदवारों से कहा है कि परीक्षा निर्धारित समय पर ही होगी और उम्मीदवारों को ऑनलाइन डाउनलोड कर निकाले गए प्रवेश पत्र की प्रति के आधार पर परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा।
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़-राकांपा
राकांपा युवक कांग्रेस के महाराष्ट्र के कार्यकारी अध्यक्ष सूरज चव्हाण ने प्रवेश पत्र लीक पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार सो रही है। चव्हाण ने कहा कि परीक्षाओं से पहले और बाद में हो रही गड़बड़ियां साबित करती हैं कि सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। मेरी मुख्यमंत्री से अपील है कि वे संबंधित मंत्री का इस्तीफा लें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
अफसरशाही जिम्मेदार-तांबे
निर्दलीय विधान परिषद सदस्य सत्यजीत तांबे ने भी डाटा लीक पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है। सरकार किसी की भी हो, परिस्थिति नहीं बदल रही है। इसका मतलब है कि इसके लिए अफसरशाही (ब्यूरोक्रेसी) जिम्मेदार है और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।