जहां दुग्ध समितियां ही नहीं उन ग्रामों में किसानों को दिलाए जाएंगे दुधारू मवेशी

शहडोल जहां दुग्ध समितियां ही नहीं उन ग्रामों में किसानों को दिलाए जाएंगे दुधारू मवेशी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-29 09:10 GMT
जहां दुग्ध समितियां ही नहीं उन ग्रामों में किसानों को दिलाए जाएंगे दुधारू मवेशी

डिजिटल डेस्क, शहडोल दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और ग्रामीणों को रोजगार से जोडऩे के लिए केंद्र सरकार की नमसा (नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर) योजना के तहत जिले के किसानों को दुधारू पशु प्रदान किए जाने हैं। इसके लिए जिला स्तरीय समिति ने प्रत्येक विकासखंड में एक-एक ग्राम का चयन किया है। लेकिन जिन ग्रामों का चयन किया गया है, वहां से दुग्ध समितियां काफी दूर हैं। ऐसे में किसानों को ढूढऩे में दुग्ध संघ को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।  
   नमसा योजना के तहत जिन पांच ग्रामों का चयन किया गया है, उनमें सोहागपुर विकासखंड में सारंगपुर, बुढ़ार में किसौरी, गोहपारू में पौड़ी, जयसिंहनगर में दादर और ब्यौहारी विकासखंड में दलको कोठार शामिल हैं। दुग्ध संघ के माध्यम से यहां १२५ यूनिट (जोड़ा) पशु प्रदाय करने का लक्ष्य मिला है। ३४ यूनिट की सब्सिडी दुग्ध संघ के पास आ भी चुकी है। वर्तमान में जिले में जैतपुर क्षेत्र में दुग्ध सहकार अभियान के तहत १० दुग्ध समितियां संचालित हैं। वहीं ब्यौहारी क्षेत्र में भी दुग्ध समितियां काम कर रही हैं। चयनित किए ग्राम इन समिति ग्रामों से काफी दूर हैं। गांवों में दूध बेचना आसान नहीं है, क्योंकि अधिकांश घरों में लोग जानवर रखते हैं। इसके चलते इन गांवों में किसान आगे नहीं आ रहे हैं। 
खराब आर्थिक स्थिति भी कारण  
चयनित ग्रामों में किसानों की खराब आर्थिक स्थिति के कारण भी हितग्राहियों को ढूढऩे में दिक्कत हो रही है। योजना के तहत एक किसान दो जोड़ी जानवर ले सकता है। एक यूनिट में ४० हजार की सब्सिडी मिलेगी। इस तरह दो यूनिट में ८० हजार तक की सब्सिडी मिलेगी, लेकिन शर्त यह है कि किसान को पहले उन्नत नस्ल के पशु गाय या भैंस खुद खरीदने पड़ेंगे, उसके बाद वह सब्सिडी के लिए क्लेम करेगा। यही कारण है कि जिले को लक्ष्य मिले चार माह से अधिक समय हो चुका है और अब तक एक भी किसान को योजना का लाभ नहीं दिलाया जा सका है।
...तो नहीं करनी पड़ती मशक्कत
चयनित किए गए ग्रामों में दुग्ध सहकारी समितियां नहीं होने के चलते किसानों को ढूढऩे में मशक्कत करनी पड़ रही है। अगर योजना के तहत जिले के दुग्ध समिति ग्रामों का चयन किया जाता तो न सिर्फ वहां के किसानों को इसका लाभ मिलता, बल्कि दुग्ध संघ का रोजाना का मिल्क कलेक्शन भी बढ़ता। जैतपुर क्षेत्र में केशवाही में चिलिंग प्लांट बनाया गया है और यहां दो मिल्क रूट बनाए गए हैं। अनूपपुर वाले मिल्क रूट में फिर भी दूध का कलेक्शन ठीक हो रहा है, लेकिन जैतपुर से बुढ़ार वाले रूट में अभी भी काफी कम मात्रा में दूध एकत्र किया जा रहा है।
लोन पर पशु दिलाने की मांग 
जिला स्तरीय समिति द्वारा जिले के ऐसे ग्रामों का चयन किया गया है, जहां वर्षा आधारित खेती होती है और सिंचाई का दूसरा साधन नहीं है। इसका उददेश्य किसानों के लिए आय का विकल्प तैयार करना है। किसौरी ग्राम में दुग्ध संघ और कृषि विभाग के अधिकारी तीन से चार बार किसानों के साथ बैठक कर चुके हैं, लेकिन पूंजी की समस्या के कारण किसान तैयार नहीं हो रहे हैं। किसानों ने पशु खरीदी के लिए लोन दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि सब्सिडी का पैसा मिलने पर वह लोन चुका देंगे। बाकी की बची राशि को दूध बेचकर जमा करा देंगे। 
इनका कहना है
दुग्ध सहकार अभियान जैतपुर क्षेत्र में चल रहा है। वहां कई गांवों में दुग्ध समितियां बनाई गई हैं। योजना के तहत वहीं की ग्राम लिए जाने चाहिए थे। 
 

Tags:    

Similar News