कोर्ट का निर्देश: कोतवाली कोतवाल को एसपी रखें हाजिर
प्रकरण के निराकरण में पुलिस साक्षी ही बाधा कोर्ट का निर्देश: कोतवाली कोतवाल को एसपी रखें हाजिर
डिजिटल डेस्क,सतना। उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्देशन पर अभियान चलाया जाकर पुराने प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण किया जा रहा है। हाईकोर्ट के अभियान पर स्थानीय पुलिस के साक्षी ही भारी पड़ रहे हैं, जिसके चलते न सिर्फ प्रकरणों के निराकरण में देरी हो रही है, अपितु अदालतों में प्रकरणों का बोझ भी बढ़ रहा है। ताजा मामला कोतवाली के कोतवाल एसएम उपाध्याय की साक्ष्य से जुड़ा हुआ है। जिस पर अदालत ने न सिर्फ नोटिस जारी की है अपितु अनुपस्थिति की दशा में परिणाम के जिम्मेदार होने की चेतावनी भी दी है।
ये है मामला
शासकीय अभिभाषक और जीपी रमेश मिश्रा ने बताया कि चतुर्थ अपर सत्र अदालत में भादवि की धारा 302, 294, 506 का प्रकरण सूरज उर्फ दुर्गेश चौधरी के विरूद्ध विचाराधीन है। मामले में केवल एक साक्षी एसएम उपाध्याय के बयान होने शेष हैं। साक्षी को मुद्देमाल सहित उपस्थित होकर अदालत में साक्ष्य पेश करने हैं, जिसके लिए अभियोजन ने 3 बार प्रकरण में स्थगन साक्ष्य के लिए प्राप्त किया।
बावजूद इसके साक्षी को पेश नहीं किया गया। उच्च न्यायालय द्वारा 6 माह के अंदर प्रकरण का निराकरण किए जाने का आदेश दिया गया है। निर्धारित समय सीमा में साक्षी के नहीं आने पर 29 सितंबर और 29 अक्टूबर 2022 को साक्षी के कथन के लिए पत्र प्रेषित किया। इसके बावजूद भी साक्षी अदालत में उपस्थित नहीं हुए। जिसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने साक्षी को मुद्देमाल सहित आगामी तारीख पर उपस्थित रखने का निर्देश पुलिस अधीक्षक सतना को दिया है। अन्यथा की दशा में साक्ष्य का अवसर समाप्त करने की चेतावनी के साथ विपरीत परिणाम की जिम्मेदारी पुलिस की होना लेख की है।
इनका कहना है
जिला न्यायालय में यह ऐसा पहला मामला नहीं है, जिस पर पुलिस साक्षी उपस्थित नहीं हो रहे हैं। इस मामले में अदालत ने कई अवसर प्रदान किए हैं, बावजूद इसके साक्षी उपस्थित नहीं है। जिसके चलते न्याय में बाधा उत्पन्न हो रही है।
रमेश मिश्रा, जीपी