विदर्भ के जंगलों में 210 बाघों की मौजूदगी, कहीं संख्या बढ़ी तो कही कम हुई
गणना विदर्भ के जंगलों में 210 बाघों की मौजूदगी, कहीं संख्या बढ़ी तो कही कम हुई
डिजिटल डेस्क, नागपुर. विदर्भ में वर्तमान में 210 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई है, जिसमें ताड़ोबा में 87, पेंच में 41, बोर में 9, नवेगांव नागझिरा में 12, उमरेड करांडला में 6 और मेलघाट में 55 बाघ हैं। वन विभाग के अधिकारियों की मानें, तो इससे ज्यादा बाघों की मौजूदगी उक्त क्षेत्रों में है, लेकिन यह बाघ प्रादेशिक इलाकों में रह सकते हैं, जो कि एक जगह पर नहीं रहते हैं।
4 साल में होती है गणना : राज्य में 16.9 लाख हेक्टेयर जमीन पर वन क्षेत्र फैला है। 61 हजार 724 वर्ग किलोमीटर पर जंगल फैला है, जिसमें कोर इलाकों के अलावा मेलघाट, ताड़ोबा अंधारी, पेंच, बोर, नवेगांव-नागझिरा आदि अभयारण्य व व्याघ्र प्रकल्प शामिल हैं। यहां बड़ी संख्या में वन्यजीव रहते हैं, जिसमें बाघ भी शामिल हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा को बनाए रखते हुए यहां पर्यटकों के लिए जंगल सफारी कराई जाती है, जिससे एक ओर सैलानियों को जंगली क्षेत्र में घूमने का अवसर मिलता है, वहीं दूसरी ओर इससे वन विभाग का राजस्व भी बढ़ता है। इन जंगलों में बाघ की उपस्थिति को लेकर हर 4 साल में उनकी गणना की जाती है। जिसमें क्षेत्र स्तर पर बाघ का पता चलता है। इस बार वर्ष 2022 में हुई गणना के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 399 बाघ पाए गए हैं, जिसमें केवल विदर्भ की बात करें, तो यहां 210 बाघ हैं, जिसमें सबसे ज्यादा बाघ ताड़ोबा में हैं। इसके अलावा मेलघाट व पेंच मे भी बाघों की संख्या अच्छी-खासी है।
इसस पहले हुई गणना के अनुसार उमरेड करांडला में 10 बाघ थे, जिसमें 5 नर व 5 मादा बाघ थे। इस बार केवल 6 बाघों को दर्ज किया गया है, वही पेंच में बाघों का आंकड़ा 50 पार कर गया था, लेकिन इस बार मात्र 41 बाघ हैं। हालांकि अधिकारियों के अनुसार कुछ बाघ एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर में जाना-आना करते रहते हैं। ऐसे में गणना के वक्त इनकी मौजूदगी का पता नहीं चलता है।