कांग्रेस अध्यक्ष पटोले ने सुनाई खरी-खरी, अजित पवार पर साधा निशाना
नागपुर कांग्रेस अध्यक्ष पटोले ने सुनाई खरी-खरी, अजित पवार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नागपुर. विरोधी पक्ष नेता अजित पवार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ बतौर उपमुख्यमंत्री काम करते समय बेचैनी होने का खुलासा करने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोेले ने अजित पवार को खरी-खरी सुनाई। पटोले ने कहा कि 2010-2014 में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व में बनी सरकार में अजित पवार उपमुख्यमंत्री थे। अगर उन्हें काम करने में दिक्कत या बेचैनी हो रही थी, तो उन्होंने मंत्री पद की शपथ क्यों ली, शपथ नहीं लेनी चाहिए थी। पृथ्वीराज चव्हाण हमारे नेता हैं। उनके बारे में अजित पवार ऐसा कुछ बोलें, यह हमें अपेक्षा नहीं है। बेचैनी हो रही थी, तो उसी समय छोड़कर चले जाना चाहिए था। राजनीति में कोई मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखता है, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। उन्होंने सलाह दी कि अगर अजित पवार के पास 145 के बहुमत का आंकड़ा है, तो वे जरूर मुख्यमंत्री बनें।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा भेजे गए नोटिस पर पटोले ने कहा कि पुलवामा घटना हुई, उस समय सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे। उस समय की घटना का सत्य उन्होंने जनता के सामने रखा। हमारे जवानों पर किया गया वह कायराना हमला था। इस पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार का असली चेहरा जनता के सामने लाने पर सत्यपाल मलिक को सीबीआई द्वारा नोटिस भेजा गया है। नागपुर में संवाद माध्यमों के साथ बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार के विरोध मेंे जो कोई बोलेगा, उसके पीछे केंद्रीय एजेंसियां लगाई जा रही हैं। पिछले अनेक वर्षों से यहीं चित्र है।
पटोले ने कहा कि सत्यपाल मलिक भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों के राज्यपाल के रूप में उन्हें मोदी सरकार ने जिम्मेदारी दी थी। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते समय पुलवामा की घटना हुई। उसकी वस्तुस्थिति सत्यपाल मलिक ने रखी, साथ ही भ्रष्टाचार का मुद्दा भी रखा। मलिक के बयान से मोदी सरकार का असली चेहरा सामने है। उनकी आवाज बंद करने के लिए सीबीआई द्वारा नोटिस भेजकर चुप कराने का प्रयास हो रहा है।