मुख्य श्रम आयुक्त ने हिमाचल प्रदेश में एनएचपीसी और बीआरओ अधिकारियों के साथ श्रम कानूनों और नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की!
मुख्य श्रम आयुक्त ने हिमाचल प्रदेश में एनएचपीसी और बीआरओ अधिकारियों के साथ श्रम कानूनों और नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की!
डिजिटल डेस्क | श्रम और रोजगार मंत्रालय मुख्य श्रम आयुक्त ने हिमाचल प्रदेश में एनएचपीसी और बीआरओ अधिकारियों के साथ श्रम कानूनों और नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की| मुख्य श्रम आयुक्त(सीएलसी) एवं डीजी श्रम ब्यूरो श्री डीपीएस नेगी ने हिमाचल प्रदेश में एनएचपीसी और बीआरओ परियोजनाओं में श्रम कानूनों और श्रम संहिताओं को लेकर संवेदनशीलता और कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। अलग-अलग बैठकों में श्री नेगी ने नगवैन (नगवाई) में एनएचपीसी की पार्वती-2 और पार्वती-3 परियोजनाओं में मौजूदा श्रम मुद्दों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने पार्वती पावर स्टेशन, बिहाली में चल रही विभिन्न गतिविधियों का भी अध्ययन किया।
दोनों परियोजनाओं के प्रभारी महाप्रबंधकों ने सीएलसी-सह-डीजी श्रम को विभिन्न श्रम कानूनों के अनुपालन के बारे में जानकारी दी। श्री नेगी ने एनएचपीसी की दो परियोजनाओं में श्रम कानूनों के अनुपालन की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया। मुख्य श्रम आयुक्त और डीजी, श्रम ब्यूरो ने अटल सुरंग का भी दौरा किया और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के वरिष्ठ अधिकारियों और सुरंग की विभिन्न गतिविधियों में लगे ठेकेदारों से मुलाकात की। बैठक के दौरान, बीआरओ जो कि रक्षा मंत्रालय के तहत 1960 में गठित एक सड़क निर्माण संगठन है, के अधिकारियों ने सुरंग के कार्य और अन्य संबंधित पहलुओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी। श्री नेगी ने बीआरओ के अधिकारियों और ठेकेदारों को श्रम कानूनों और नई श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन के महत्व को समझाया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कैसे श्रम संहिताओं का अनुपालन कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के लिए लाभप्रद स्थिति है। 9 किमी से अधिक लंबी सुरंग को सीमा संड़क संगठन ने रोहतांग दर्रे के नीचे बनाया है। इससे कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है और मनाली और केलांग के बीच यात्रा में लगने वाले कुल समय और दूरी को काफी कर दिया है।