जिला उपभोक्ता फोरम के तीन सदस्यों की नियुक्ति को चुनौती
जिला उपभोक्ता फोरम के तीन सदस्यों की नियुक्ति को चुनौती
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट में जबलपुर के जिला उपभोक्ता फोरम के तीन सदस्यों की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। जस्टिस विशाल धगट की एकल पीठ ने राज्य शासन, राज्य उपभोक्ता आयोग और तीन सदस्यों को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब-तलब किया है।
निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया
हाथीताल कॉलोनी निवासी आशीष साहू की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वर्ष 2017 में जबलपुर के जिला उपभोक्ता फोरम क्रमांक-एक में एक सदस्य की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसके विरूद्द्ध तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई। याचिका में कहा गया है कि जिला स्तरीय छानबीन समिति ने आवेदनों की जांच के बाद शिव नारायण खरे, अर्चना शुक्ला और योमेश अग्रवाल को नियुक्ति के लिए अपात्र पाया था। इसके बाद भी उनकी नियुक्ति फोरम के सदस्य के रूप में कर दी गई। अधिवक्ता दिलदार सिंह ने तर्क दिया कि उपभोक्ता फोरम के तीन सदस्यों की नियुक्ति में निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया है, इसलिए नियुक्तियों को निरस्त किया जाए। प्रांरभिक सुनवाई के बाद एकल पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
फर्जी जमानतदार को 2 वर्ष सजा, 5 हजार रुपए अर्थदंड
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश माया विश्वलाल ने फर्जी जमानत लेने के आरोप में इमलिया अधारताल निवासी अनिल तिवारी को 2 वर्ष की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन के अनुसार 4 फरवरी 2014 को अनिल सिंह नाम का व्यक्ति ऋण पुस्तिका लेकर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आरोपी मुकेश की जमानत के लिए पहुंचा। न्यायालय ने पनागर तहसीलदार से जांच कराई तो ऋण पुस्तिका फर्जी पाई गई। पुलिस जांच में पता चला कि इमलिया निवासी अनिल तिवारी फर्जी ऋण पुस्तिका के जरिए जमानत लेने आया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक राजकुमार गुप्ता ने तर्क दिया कि आरोपी ने फर्जी जमानत के जरिए न्यायालय को धोखा देने का प्रयास किया है। इसलिए उसे कठोर सजा दी जाना चाहिए।