शॉपिंग कंपनी पर दायर मुकदमा- कैशबैक सहित 5500 मुआवजा देने का आदेश
कैशबैक शॉपिंग कंपनी पर दायर मुकदमा- कैशबैक सहित 5500 मुआवजा देने का आदेश
डिजिटल डेस्क, नागपुर. ऑनलाइन शॉपिंग एप पर लुभावने ऑफर्स के चक्कर में लोग उन पर खरीदी करते रहते हैं, लेकिन यही ऑफर मुसीबत में डाल सकते हैं। नागपुर के जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जब अमेजन पर 1713 रुपए का कैशबैक नहीं मिलने से नाराज उपभोक्ता प्रकाश अईलाइनी ने अमेजन और एसबीआई क्रेडिट कार्ड विभाग पर मुकदमा कर दिया। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने अमेजन और एसबीआई कार्ड दोनों को मिलकर 1713 रुपए का कैशबैक देने का आदेश दिया है, साथ ही उपभोक्ता को हुई मानसिक और शारीरिक परेशानी के चलते 5500 रुपए मुआवजा भी देने का आदेश दिया है।
यह है मामला : अमेजन ने 16 अक्टूबर 2018 को अपनी वेबसाइट पर \"स्मॉल बिजनेस डे' नामक एक स्कीम निकाली, जिसमें एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर खरीदी करने पर उपभोक्ता को अगले ही दिन 10 प्रतिशत का कैशबैक देने का वादा किया गया था। शिकायतकर्ता ने इसी स्कीम के तहत 17139 रुपए में 5 ग्राम सोना खरीदा। उस पर उन्हें 1713 रुपए का कैशबैक देने का वादा किया गया, लेकिन यह कैशबैक उन्हें नहीं मिला। वे करीब 2 महीने तक अमेजन से कैशबैक भेजने का निवेदन करते रहे, लेकिन उन्हें कैशबैक नहीं मिला। उसके बाद उपभोक्ता ने आयोग में शिकायत की।
एक-दूसरे पर थोपने का प्रयास : जवाब में अमेजन ने आयोग के समक्ष दलील दी कि वह केवल ऑनलाइन खरीदी-बिक्री का एक प्लेटफॉर्म है, जहां विक्रेता अपने उत्पाद लिस्ट करके उन पर डिस्काउंट और विविध ऑफर देते हैं। अमेजन की इसमें कोई भूमिका नहीं होती। उक्त लेन-देन खरीदार और विक्रेता के बीच का है, इसमें अमेजन का संबंध नहीं है, जबकि एसबीआई क्रेडिट कार्ड ने इस जिम्मेदारी को अमेजन पर डालने का प्रयास किया। कहा कि कैशबैक की स्कीम अमेजन के कहने पर दी गई थी, इसलिए कैशबैक देना भी अमेजन की ही जिम्मेदारी है। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने यह फैसला दिया है।