मौत के बाद भी केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने नही दिया क्लेम

बीमा अधिकारियों के द्वारा दिया गया धोखा  मौत के बाद भी केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने नही दिया क्लेम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-26 12:20 GMT
मौत के बाद भी केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने नही दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। कब किसे कौन सी बीमारी आ जाए यह पहले से किसी को नहीं मालूम होता है। अचानक किसी तरह की परेशानी होने के बाद अस्पताल पहुँचने पर परीक्षण के उपरांत ही बीमारी का खुलासा होता है। ऐसी स्थिति में अगर बीमा कंपनी हाथ खड़े कर ले तो बीमित व्यक्ति का विश्वास इंश्योरेंस कंपनी से उठना लाजमी है। ऐसी ही लगातार शिकायतें बीमा कंपनी की आ रही हैं। यह स्थिति एक जिले की नहीं बल्कि अनेक जिलों में संचालित होने वाली इंश्योरेंस कंपनी का यही हाल है। सारे दस्तावेज लेने के बाद पॉलिसी धारक को भटकाया जाता है, उसके बाद यह कह दिया जाता है कि आपकी बीमारी के बिल क्लेम देने के लायक नहीं हैं। इस तरह के मामले एक नहीं बल्कि अनेक हैं और बीमा कंपनी अपने पॉलिसी धारकों के साथ न्याय नहीं कर रही है। पॉलिसी धारक ने विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। 

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

इलाज के दौरान अस्पताल में कैशलेस नहीं किया था बीमा कंपनी ने- 

घमापुर निवासी प्रणय कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ पॉलिसी कराई थी। उसका प्रतिवर्ष प्रीमियम भी जमा किया जा रहा था। स्वास्थ्य बीमा में मां का भी नाम था। मां श्रीमती लता का स्वास्थ्य खराब होने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में इलाज के दौरान बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से मना कर दिया था। बीमित को कहा गया था कि इलाज के बाद बिल सम्मेट करने पर सारा भुगतान कर दिया जाएगा। स्वस्थ्य होने के बाद जब बीमा कंपनी में सारे बिल व रिपोर्ट सम्मेट की गई तो उसमें अनेक खामियां निकाली और जब सत्यापित कराकर दिया तो जल्द क्लेम देने का वादा तो किया पर पुरानी बीमारी का हवाला देकर नो क्लेम कर दिया था। बीमित ने कई बार जिम्मेदारो से संपर्क किया और पुरानी रिपोर्ट पेश की पर उसे बीमा कंपनी मानने तैयार नही हुई। इसी बीच बीमित की मौत हो गई और बीमा कंपनी ने आज तक क्लेम नही दिया। पॉलिसी धारक ने विधिक सेवा प्राधिकरण में शिकायत देते हुए बीमा अधिकारियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई है। वहीं बीमा अधिकारियों से संपर्क किया गया पर उनके प्रतिनिधी के द्वारा किसी भी तरह उत्तर नही दिया।
 

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