शहडोल में मानकों को ताक पर रखकर चल रहे अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई
शहडोल शहडोल में मानकों को ताक पर रखकर चल रहे अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, शहडोल। नियमों का पालन नहीं करने वाले जिले के दो निजी नर्सिंग होम का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। वहीं नामी गिरामी 13 ऐसे नर्सिंग होम हैं जिनके पास फायर एनओसी नहीं पाई गई। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने उन सभी अस्पतालों में ओपीडी बंद करने तथा मरीजों की भर्ती नहीं करने के आदेश जारी किए हैं। इन संस्थाओं को एनओसी लेने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद भी एनओसी नहीं ली तो पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि जिले में संचालित 18 निजी नर्सिंग होम का निरीक्षण कर जायजा लेने के लिए कलेक्टर द्वारा 6 अगस्त को अन्तर्विभागीय 4 सदस्यीय टीम गठित की गई थी। टीम ने नर्सिंग होम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नर्सिंग होम का पंजीयन, प्रदूषण बोर्ड का प्रमाण पत्र, भवन की अनुज्ञप्ति तथा फायर की अस्थायी एनओसी एवं विद्युत सुरक्षा संबंधी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 3 नर्सिंग होम आदित्य अस्पताल, श्रीराम अस्पताल व हातमी अस्तपाल के पास ही 3 वर्ष की अस्थाई एनओसी पाई गई। 2 नर्सिंग होम क्रिश्चयन अस्पताल एवं जायसवाल केयर अस्पताल जयसिंहनगर का पंजीयन निरस्त किया गया।
इन नर्सिंग होम के संचालन पर लगी रोक
- अमृता अस्पताल।
- श्याम केयर अस्पताल।
- देवांशी अस्पताल।
- मूंदडा मेटरनिटी होम।
- डॉ. राजेन्द्र सिंह मल्टी स्पेशलटी ट्रामा सेन्टर।
- सराफ अस्पताल।
- देवांता अस्पताल।
- मेवाड़ अस्पताल।
- जेजे अस्पताल अमलई।
- स्वास्तिक हेल्थ केयर धनपुरी।
- अविका अस्पताल धनपुरी।
एनओसी नहीं तो पंजीयन निरस्त
सभी 13 नर्सिंग होम को निर्देशित किया है कि 30 दिवस में अस्थाई फायर एनओसी प्राप्त करें। जब तक एनओसी प्राप्त नहीं होती है तब तक नर्सिंग होम का संचालन स्थगित रखें और ओपीडी व नये मरीज भर्ती न किए जाएं। केवल पुराने भर्ती मरीजों की देखभाल एवं उपचार किया जाय। यदि 30 दिवस के अंदर फायर की अस्थाई एनओसी प्राप्त नही होती है तो अस्पताल का पंजीयन रुजोपचार अधिनियम धारा 5 के अंतर्गत निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।