सरकारी स्मार्ट फोन ने छीना आंगनवाड़ी सेविकाओं का चैन, पेनाल्टी से बचने कर रही हिफाजत

सरकारी स्मार्ट फोन ने छीना आंगनवाड़ी सेविकाओं का चैन, पेनाल्टी से बचने कर रही हिफाजत

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-10 06:46 GMT
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 डिजिटल डेस्क,नागपुर। सरकारी स्मार्ट फोन ने आंगनवाड़ी सेविकाओं का चैन छीन लिया है। फोन घूमने पर लगने वाली पेनाल्टी से बचने के लिए आंगनवाड़ी सेविकाएं फोन की हिफाजद खुद से ज्यादा करती दिख रही हैं।  महिला व बाल विकास विभाग के निर्देश पर एकात्मिक महिला व बाल विकास सेवा योजना की तरफ से मोबाइल (स्मार्ट फोन) देकर आंगनवाड़ी सेविकाओं को काम में स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया पर ग्रहण लगता नजर आ रहा हैं। फोन देने के साथ ही विभाग की तरफ से सभी सेविकाओं से यह गारंटी पत्र लिखवा लिया गया कि मोबाइल खराब या गुम होने पर 11 हजार रुपए वसूले जाएंगे। सेविका को जितना मानधन नहीं मिलता, उससे ज्यादा की राशि का गारंटी पत्र भरवा लेने से सेविकाएं दहशत में आ गई हैं। 

विभाग पर लग रहे आरोप

एकात्मिक महिला व बाल विकास योजना की तरफ से मई महीने में सभी सेविकाओं को एंड्राइड मोबाइल दिए गए। विभाग का उद्देश्य पेपरलेस वर्क करना है। सेविकाओं को सभी 12 रजिस्टर की जानकारी अलग-अलग माड्युल में मोबाइल से नलाइन भरनी है। इसके लिए समुचित प्रशिक्षण नहीं देने का आरोप पहले ही विभाग पर लग रहा है। अब नया बखेड़ा गारंटी पत्र को लेकर खड़ा हो गया हैं। विभाग की तरफ से सभी सेविकाओंं से मुद्रित फार्म पर गारंटी पत्र (हमी पत्र) भरवा लिया जा रहा है। मोबाइल खराब होने, गिर जाने या गुम एवं चोरी होने पर 11 हजार रुपए मानधन से काट लिए जाएंगे। विभाग के इस फरमान के बाद सेविकाएं खुद पर कम और मोबाइल के जतन पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं।

चेतावनी : खराब हुआ तो पैसे कटेंगे

गोंदिया जिले की बिटकाठी की सेविका बागिरता चौबे काे मई महीने में मोबाइल मिला और एक महीने बाद ही खराब हो गया। सुपरवाइजर को इसकी सूचना देकर मोबाइल कार्यालय में जमा किया। उसे विभाग की तरफ से नया मोबाइल तो नहीं मिला, उल्टा मानधन में से 11 हजार काटने की चेतावनी दी गई। आॅनलाइन काम करने के लिए तुरंत नया मोबाइल खुद के पैसे से खरीदने को कहा गया है।

तनाव : दिल का दौरा पड़ा

जालना जिले के सातोना खुद परतु की सेविका साबना बापूरा ढवले को 29 जून को आैर कोरेगांव की छाया पवार को 4 जुलाई को दिल का दौरा पड़ा और दोनों की मृत्यु हो गई। दोनों सेविकाएं बुजुर्ग थीं और इन्हें स्मार्ट फोन से ऑनलाइन काम करने में दिक्कत हो रही थी। ऑनलाइन वर्क बुजुर्ग सेविकाओं के लिए मानसिक तनाव का कारण बनते जाने की चर्चा है।

तनाव व दबाव 

बुुजुर्ग व कम पढ़ी-लिखी सेविकाओं को पर्याप्त प्रशिक्षण दिए बगैर ही 12 रजिस्टर का डाटा ऑनलाइन भरने का फरमान सेविकाओं के जान पर बन आ रहा है। दो सेविकाओं की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। 11 हजार रुपए मानधन से काटने का गारंटी पर सेविकाओं के लिए आफत बनकर आया है। विभाग के आदेश व चेतावनी से सेविकाएं तनाव व दबाव में काम कर रही हैं। गारंटी पत्र भरवाने का काम तुरंत बंद होना चाहिए। - मधुकर भरणे, अध्यक्ष, आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन (सीटू) नागपुर.

बैठक कर हल निकालेंगे

शनिवार को नागपुर में अधिकारियों व सेविकाओंं की संयुक्त बैठक लेकर सभी मुद्दों व समस्या पर विस्तार से चर्चा करेंगे। सेविकाओं से उनकी मांगों का निवेदन लेकर उसे विचार के लिए आयुक्त के पास भेजा जाएगा। आॅनलाइन का प्रशिक्षण अवधि बढ़ाने व मोबाइल गुम होने पर 11 हजार नहीं काटने के मुद्दे पर भी विचार होगा। सेविकाओं पर वर्क लोड व मानसिक दबाव न बढ़े, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। सेविकाओं की समस्याओं का हल करने की विभाग की कोशिश रहेगी। 
- माधव बोरखेडे, उपायुक्त, एकात्मिक बाल विकास सेवायोजना नागपुर. 

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