क्लेम स्वीकृत करने के बाद किया निरस्त और पॉलिसी भी कर दी क्लोज..!
क्लेम स्वीकृत करने के बाद किया निरस्त और पॉलिसी भी कर दी क्लोज..!
डिजिटल डेस्क जबलपुर। हेल्थ इंश्योरेंस कराने के बाद पॉलिसी धारक को एक सहारा होता है कि वक्त में यह हमारे काम आएगी पर उस उम्मीद पर बीमा कंपनी पानी फेरने में लगी हुई है। पॉलिसी धारकों के साथ एक तो उपचार के दौरान अस्पताल में कैशलेस नहीं किया गया और जब अपनी जेब से भुगतान करने के बाद बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज लगाए गए तो कई तरह की क्वेरी निकाली गईं। बीमित ने जब क्वेरी पूरी की तो यह कहा गया कि जल्द ही आपको बीमा क्लेम दे दिया जाएगा। कई तरह के दावे व वादे बीमा कंपनी के द्वारा किए जा रहे हैं पर अंतिम दौर में क्लेम स्वीकृत करने के बाद अचानक रिजेक्ट करने में लगी हुई है। यह एक पॉलिसी धारक के साथ ऐसा नहीं किया गया है, बल्कि सैकड़ों बीमित के साथ बीमा कंपनी इसी तरह का बर्ताव करने में लगी हुई है। पीडि़तों का आरोप है कि बीमा कंपनी हमारे साथ सीधे धोखा कर रही है और किसी तरह क्लेम न देना पड़े इसके लिए तरह-तरह के आरोप भी लगा रही है। पॉलिसी धारक अब दो टूक कह रहे हैं कि बीमा कंपनी के खिलाफ हम केस लगाएँगे।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर जबलपुर के मोबाइल नंबर 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
केस.1
बोगस बिल बनाकर पेश किए हैं हमारे यहाँ, इसलिए हम नहीं देंगे क्लेम
तिलक नगर मुंबई कल्याण निवासी रनविजय मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने स्वास्थ्य बीमा कराया हुआ था। 19 फरवरी को कोरोना संक्रमण का शिकार पर निजी अस्पताल में वे भर्ती हो गए थे। अस्पताल में जब बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड दिखाया गया, तो बीमा कंपनी ने कैशलेस किए जाने से इनकार कर दिया। बीमा कंपनी ने कहा कि इलाज कराने के बाद हमारे यहाँ बिल सबमिट करने पर पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। पीडि़त ने उपचार के बाद अस्पताल से सारे बिल लिए और बीमा कंपनी में ऑफलाइन व ऑनलाइन सबमिट कर दिए। बीमा कंपनी को मेल भी कर किया। उसके बाद अनेक प्रकार की क्वेरी बीमा कंपनी ने निकालीं और कंपनी की तरफ से प्रतिनिधि को परीक्षण के लिए भेजा। सारे परीक्षण के बाद कहा गया कि जल्द आपको क्लेम दे दिया जाएगा। बीमा कंपनी ने 2 लाख से अधिक राशि का भुगतान स्वीकृत करते हुए मेल किया और मैसेज भी, लेकिन कुछ घंटों बाद बीमा कंपनी ने उक्त स्वीकृत राशि को निरस्त करते हुए पॉलिसी ही क्लोज कर दी। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी ने हमारे साथ धोखाधड़ी की है।
केस.2
कैशलेस तो दूर की बात है बिलों का भुगतान तक नहीं किया जा रहा
नरसिंहपुर जिला गाडरवारा निवासी प्रदीप कुमार ने बताया कि सालों से एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी संचालित करते आ रहे हैं। अचानक कमजोरी आ जाने के कारण जबलपुर के लक्ष्मीनारायण अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उपचार के दौरान बीमा कंपनी ने कैशलेस नहीं किया। पीडि़त ने बताया कि 3 अगस्त 2019 से वे लगातार इलाज कराते आ रहे हैं पर बीमा कंपनी ने आज तक किसी तरह का क्लेम नहीं दिया। उन्होंने अस्पताल के सारे बिल भी लगाए पर उन बिलों का क्लेम बीमा कंपनी नहीं दे रही है। पॉलिसी धारक से लगातार बीमा कंपनी क्वेरी करती आ रही है। यहाँ तक की बीमा कंपनी ने अपने प्रतिनिधि को घर पर चैक करने के लिए भेजा और थर्ड पर्सन ने कहा कि आपको जल्द ही भुगतान करा दिया जाएगा, पर बीमा कंपनी ने क्वेरी निकालने के बाद आधा अधूरा क्लेम स्वीकृत किया और शेष भुगतान देने में आनाकानी कर रही है। बीमित व्यक्ति ने कई बार टोल-फ्री नंबर के अलावा जिम्मेदार अधिकारियों से बात की लेकिन वे अलग-अलग जवाब दे रहे हैं। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी पॉलिसी धारकों के क्लेम में हेराफेरी कर रही है।
मेल पर देंगे जवाब-
एचडीएफसी के जिम्मेदार अधिकारियों से जब भी बात की जाती है तो उनका जवाब होता है कि हम मेल पर जवाब देंगे। कंपनी को मेल भी किया गया पर जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा किसी तरह का उत्तर इन पॉलिसी धारकों के विषय में नहीं दिया गया। पूर्व में जो जवाब कंपनी के प्रतिनिधि ने दिया था वह भी गोलमाल था और पॉलिसी धारकों की गोपनीयता की बात करते हुए बीमा कंपनी अपना पल्ला झाड़ रही है।