घटिया गेहूं खरीद कर गोलमाल करने वाले सोसायटी मैनेजर की अग्रिम जमानत खारिज
घटिया गेहूं खरीद कर गोलमाल करने वाले सोसायटी मैनेजर की अग्रिम जमानत खारिज
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने 910 क्विंटल घटिया गेहूं खरीदी मामले में सहकारी विपणन समिति करकबेल के ब्रांच मैनेजर संजय दुबे की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। जस्टिस राजीव दुबे की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि घटिया गेहूं खरीदी के लिए आवेदक पूरी तरह से जिम्मेदार है। इसलिए उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
सरकार को 16 लाख 74 हजार 400 रुपए का नुकसान हुआ
अभियोजन के अनुसार सहकारी विपणन समिति करकबेल के ब्रांच मैनेजर संजय दुबे ने समिति के कर्मचारियों के साथ मिलकर 916 क्विंटल घटिया गेहूं की खरीदी की। इससे सरकार को 16 लाख 74 हजार 400 रुपए का नुकसान हुआ। इस मामले में 21 जून 2019 को नरसिंहपुर जिला विपणन अधिकारी यशवर्धन सिंह पटेल ने गोटेगांव थाने में ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया है। आवेदक की ओर अग्रिम जमानत आवेदन पेश कर कहा गया कि उसे झूठा फंसाया गया है। शासकीय कर्मी होने के नाते वह जांच में पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार है। शासकीय अधिवक्ता सत्येन्द्र ज्योतिषी ने तर्क दिया कि गेहूं की क्वालिटी देखने की जिम्मेदारी आवेदक की थी। आवेदक ने कर्मचारियों से मिलीभगत कर घटिया गेहूं की खरीदी की है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने ब्रांच मैनेजर संजय दुबे की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है।
एंट्री वसूली के लिए ली थी रिश्वत, एसआई को 4 साल की सजा
एंट्री वसूली के लिए पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले पाटन थाने के तत्कालीन एसआई आलोक कुमार को लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने 4 साल की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने एसआई पर 7 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने तर्क दिया कि आरोपी के खिलाफ रिश्वत लेने के ठोस सबूत है। इसलिए उसे कठोर सजा दी जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने दंड का निर्धारण किया।