नकली ब्रिगेडियर बनकर 44 लाख ठगे ,साथी सहित गिरफ्तार
नकली ब्रिगेडियर बनकर 44 लाख ठगे ,साथी सहित गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क,सतना। नकली ब्रिगेडियर बनकर आर्मी में क्लर्क के पद पर भर्ती कराने का झांसा देकर 44 लाख की ठगी के आरोपी 48 वर्षीय दयाशंकर शर्मा और एक अन्य सह आरोपी अजय तिवारी को मैहर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एसडीओपी हेमंत शर्मा ने बताया कि मुख्य आरोपी दयाशंकर शर्मा पिता कौशल प्रसाद निवासी कटरा ,रामपुर नैकिन(सीधी) को जहां पूछताछ के लिए 16 अगस्त तक रिमांड पर लिया गया है, वहीं एक अन्य आरोपी अजय तिवारी पिता स्वामीदीन तिवारी (23) निवासी गड़हरा थाना रामपुर नैकिन (सीधी) को जेल भेज दिया गया है।
ऐसे फंसाते थे जाल में
एसडीओपी ने बताया कि शिक्षित बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाने के लिए आरोपी दयाशंकर शर्मा आर्मी का नकली ब्रिगेडियर बन जाता था। उसने आर्मी के एक ट्रक का नंबर देखकर अपनी टीयूवी कार में गाड़ी नंबर 16 बी 120556 ए लिखवा रखा था। कार में अशोक चक्र अंकित था और आर्मी का फ्लैग भी लगा रहता था। आरोपी स्वयं का नाम ब्रिगेडियर सूर्यभान सिंह (हैदराबाद) बताया करता था।
मैहर के ढाबे में हुआ था सौदा
पुलिस के मुताबिक दोनों ठगों ने 3 माह पूर्व यूपी के थरवई थाना क्षेत्र के हेतापट्टी निवासी चंद्रभान सिंह को अपने झांसे में लिया और उनके बेटे, भतीजों और अन्य परिजनों समेत कुल 8 लोगों को सेना में क्लर्क के पद पर भर्ती कराने के लिए 44 लाख की ठगी की। ये सौदा मैहर के पास एक ढाबे में पक्का किया गया। आरोप है कि बाद में ट्रेनिंग के नाम पर सभी 8 लोगों को बंधक बना कर रखा गया। ठगी का मामला संज्ञान में आने पर दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी के सेक्सन 419,420,170,171,468 और 473 के तहत अपराध कायम करते हुए पड़ताल शुरु की गई। सबसे पहले अजय तिवारी पुलिस के हत्थे चढ़ा और यहीं से मुख्य आरोपी और नकली ब्रिगेडियर दयाशंकर शर्मा की गिरफ्तारी हुई।
जालसाजी के अपराध पर चौथी कायमी
मैहर के एसडीओपी ने बताया कि नकली ब्रिगेडियर दयाशंकर शर्मा के खिलाफ जालसाजी कर ठगी करने का ये चौथा मामला है। सबसे वर्ष 2013 में अनूपपुर जिले के भालूमाड़ा थाने में धारा-420 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। इसके बाद वर्ष 2014 में अमरपाटन और फिर जबलपुर में भी इसी आरोपी के विरुद्ध ऐसा ही प्रकरण कायम किया गया था।