Mumbai News: आखिरी दो घंटे में 76 लाख वोट कैसे पड़े - कांग्रेस का चुनाव आयोग को पत्र, उद्धव ने कहा - वीवीपैट की रीकाउंटिंग हो

    Bhaskar Hindi
    Update: 2024-11-28 16:26 GMT

    Mumbai News : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को बहुमत मिला है, जबकि महाविकास आघाडी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर बवाल मचा हुआ है। गुरूवार को लगातार दूसरे दिन चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की अध्यक्षता में हुई बैठक में चुनाव में मिली हार पर चर्चा करते हुए ज्यादातर उम्मीदवारों ने ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा। इसके साथ ही पटोले ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। पटोले ने कहा कि 20 नवंबर को जब शाम पांच बजे तक मतदान का प्रतिशत 58 प्रतिशत था, तो वह 65 प्रतिशत तक कैसे पहुंच गया। आखिरकार दो घंटे में 76 लाख वोट कैसे पड़ गए? पटोले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ऐसे मतदान केंद्रों की वीडियो फुटेज मांगी है जहां मतदान प्रतिशत में ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। पटोले ने कहा कि आमतौर पर मतदान खत्म होने के बाद चुनाव आयोग के अधिकारी प्रेस कांफ्रेंस कर मतदान प्रतिशत की जानकारी मीडिया को देते हैं। लेकिन चुनाव के दिन अधिकारियों ने कोई भी जानकारी मीडिया को नहीं दी। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मतदान प्रतिशत में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और हम इसके खिलाफ अदालत जाएंगे। इसके साथ ही पटोले ने कहा कि ऐसा किसी भी मतदान केंद्र पर नहीं देखा गया कि देर रात तक वहां मतदान शुरू था। ऐसे में मतदान में साढ़े सात प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कैसे हो गई? ये ऐसे हमारे सवाल हैं, जिन पर चुनाव आयोग को हमें जानकारी देने की जरुरत है। इसके लिए हमने मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं। पटोले ने कहा कि आखिर के दो घंटे में 76 लाख लोगों ने कैसे मतदान कर दिया। यह कहीं से भी संभव नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर खुद केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण के पति भी सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में अब चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।

    हारे हुए उम्मीदवारों ने ईवीएम पर फोड़ा ठीकरा

    गुरूवार को नाना पटोले की उपस्थिति में विधानसभा चुनाव में हारे हुए उम्मीदवारों की बैठक हुई जिसमें हार के कारणों पर चर्चा हुई। इस बैठक में उम्मीदवारों ने ईवीएम पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में कभी कांग्रेस हारी ही नहीं, ऐसे क्षेत्रों से कांग्रेस का सूपड़ासाफ कैसे हो गया। इसके अलावा बैठक में उम्मीदवारों ने प्रशासन के अधिकारियों पर मनमानी का भी आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस आलाकमान इन उम्मीदवारों की लिखित शिकायतों को चुनाव आयोग के अधिकारियों के पास भेजेगा। मुंबई अंधेरी पश्चिम से चुनाव लड़े अशोक जाधव ने कहा कि मतदान के दिन से लेकर मतगणना तक कांग्रेस के प्रतिनिधियों पर प्रशासन के अधिकारियों ने बहुत दबाव बनाया। उन्हें मतगणना के दिन तो कुर्सी से हिलने नहीं दिया गया। जाधव ने कहा कि मेरे क्षेत्र के स्ट्रांग रूम के सीसीटीवी को बदल दिया गया, जबकि इस बात की जानकारी मुझे नहीं दी गई। वहीं विश्वजीत कदम ने कहा कि सांगली में भी हमारे कई साथियों को ईवीएम पर शक है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दिन रात काम किया, भला ऐसे कैसे हो सकता है कि वह उम्मीदवार हार जाए। हम सभी सबूत इकट्ठा कर रहे हैं। जिन बूथों पर कांग्रेस कभी पीछे नहीं रही वहां पर 20 हजार से चुनाव हारना मामले को संदिग्ध बताता है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के सी पाडवी ने कहा कि मेरे चुनाव क्षेत्र में काफी धन बल का इस्तेमाल हुआ था। हमने कई बार अनियमितताओं की शिकायतें की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    पटोले आरएसएस का काम कर रहे हैं- शेलके

    कांग्रेस के मध्य नागपुर से चुनाव लड़ने वाले बंटी शेलके ने नाना पटोले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शेलके ने कहा कि पटोले आरएसएस का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे भले ही कांग्रेस ने टिकट दिया है, लेकिन कांग्रेस का एक भी कार्यकर्ता मेरे साथ नहीं था। इसकी जवाबदारी पटोले को लेनी चाहिए। यहां तक कि प्रियंका गांधी के रोड शो में भी कांग्रेस के कार्यकर्ता दिखाई नहीं दिए थे।

    उद्धव ठाकरे ने हारे हुए उम्मीदवारों को वीवीपैट की रीकाउंटिंग कराने को कहा

    महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार को महाविकास आघाडी के दल अब तक पचा नहीं पाए हैं। कांग्रेस, शरद पवार के बाद अब उद्धव ठाकरे भी ईवीएम को लेकर हमलावर हो गए हैं। ठाकरे ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में ईवीएम घोटाले का शक जताया है। इसके बाद ठाकरे ने अपने हारे उम्मीदवारों को आदेश दिया है कि वह वीवीपैट की रीकाउंटिंग की याचिका दायर करें। ठाकरे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिन केंद्रों पर गड़बड़ी का अंदेशा लग रहा है वहां पर तत्काल चुनाव आयोग के पास उम्मीदवार दोबारा मतगणना की अपील करें। इसके साथ ही ठाकरे ने कहा है कि अगर चुनाव अधिकारी आपकी बातों को अनसुना करते हैं तो फिर अधिकारियों के फैसले के खिलाफ अदालत भी जा सकते हैं। गौरतलब है कि उद्धव गुट ने विधानसभा चुनाव 95 सीटों पर लड़ा था। इनमें से उन्हें केवल 20 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।

    ईवीएम में छेड़छाड़ के विपक्ष के आरोप निराधार : अजित पवार

    महाराष्ट्र में मिली हार के लिए कांग्रेस भले ही ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा रही है, लेकिन राकांपा (अजित) के अध्यक्ष अजित पवार ने विपक्ष के इस तर्क को सिरे से खारिज किया है। महायुति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंचे पवार ने कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ के लगाए जा रहे आरोपों में कोई दम नहीं है। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि लोकसभा चुनाव में ईवीएम ठीक थी और विधानसभा चुनाव में इनके हक में फैसला नहीं आया तो ईवीएम खराब हो गई। उन्होंने कहा कि अपनी हार का झेंप मिटाने और कार्यकर्त्ताओं को संबल देने के लिए विपक्ष अब ईवीएम का प्रश्न उठा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी थी। फिर से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा लेने की दिशा में हम काम कर रहे हैं और इसमें निश्चित रूप से इसमें सफलता मिलेगी। राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी लगातार अपना आधार बढ़ा रही है और हमें राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेंगे।

    महायुति की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली में हैं अजित

    अजित पवार केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हैं। इस बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेन्द्र फडनवीस भी शिकरत करेंगे। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री और महायुति में शामिल दलों के कोटे से बनाए जाने वाले मंत्रियों के फार्मूले पर भी बातचीत होगी। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धता को देखते हुए महाराष्ट्र में 2 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होने की संभावना है।

    फडनवीस के नाम पर लगेगी मुहर!

    आज रात होने वाली महायुति की बैठक में भाजपा नेता देवेन्द्र फडनवीस को महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री बनाने पर मुहर लग सकती है। साथ ही एकनाथ शिंदे और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर सहमति बन सकती है। राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि फडनवीस इस दौड़ में सबसे आगे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समर्थक विधायकों के साथ भाजपा की संख्या 140 के आसपास पहुंच रही है। ऐसे में एकनाथ शिंदे का दोबारा मुख्यमंत्री बनना मुश्किल है। सूत्रों ने बताया कि राकांपा ने भाजपा का मुख्यमंत्री बनाने पर अपनी सहमति पहले ही दे दी है।

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