Nagpur News: सीएम पद के लिए नाम की घोषणा का इंतजार, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के निर्णय चौंकाते रहे हैं

  • शिंदे ने कहा-निर्णय मान्य होंगे
  • शपथ-ग्रहण तक के कयास

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-28 13:25 GMT

Nagpur News : मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस दूर हाेने लगा है। देवेंद्र फडणवीस का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है। फिर भी नाम की घोषणा नहीं होने से फडणवीस समर्थकों व भाजपा कार्यकर्ताओं में बेचैनी है। महायुति केे सभी नेता कह रहे हैं कि भाजपा का नेतृत्व जो निर्णय लेगा, वह सभी को मान्य होगा, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के निर्णय चौंकानेवाले रहे हैं। ऐसे में नाम घोषित होने का इंतजार किया जा रहा है।

शिंदे ने कहा-निर्णय मान्य होंगे

मुख्यमंत्री पद को लेकर एकनाथ शिंदे व देवेंद्र फडणवीस के लिए कामनाएं की गई। पूजापाठ किया गया। आशंका व्यक्त की जाती रही कि शिंदे की नाराजगी महायुति के लिए नया संकट को कारण बन सकती है, लेकिन बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का निर्णय सभी मान्य करेंगे। शिंदे ने जिस तरह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का आभार माना और स्वयं के लिए लाडली बहनों का भाई होना सबसे बड़ा सम्मान दर्शाया उससे लगता है कि शिंदे मुख्यमंत्री पद की रेस से दूर हो गए हैं।

शपथ-ग्रहण तक के कयास : इधर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शिंदे का आभार व्यक्त किया है। इन नेताओं के वक्तव्यों से भी लगता है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा। उधर कुछ कार्यकर्ता कह रहे हैं कि फडणवीस का नाम तय हो गया है। 2 दिसंबर को शपथ-ग्रहण समारोह होने की बातें कही जा रही है, लेकिन यह भी हो सकता है कि 29 नवंबर यानी शनिवार को शपथ ग्रहण हो जाए। फिलहाल संसद का अधिवेशन चल रहा है।

शिवराज सिंह चौहान का जिक्र : खास बात है कि पड़ोसी राज्यों में बड़ी जीत के बाद भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने चौंकानेवाला निर्णय लिया था। मध्यप्रदेश में लाडली बहन योजना का श्रेय तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को दिया जाता रहा। भाजपा ने बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की, लेकिन चौहान को मुख्यमंत्री पद से वंचित रखा गया। छत्तीसगढ, राजस्थान में भी ऐसे नाम सामने आए, जिनकी पहले अधिक चर्चा नहीं थी। मध्यप्रदेश के समान महाराष्ट्र में भी चौंकानेवाला निर्णय लिया जा सकता है। लेकिन यह भी कहा जा रहा है चौहान का मामला अलग था। उन्हें एक साल पहले ही संकेत दे दिया गया था। उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया गया था, लेकिन फडणवीस के बारे में साफ संकेत दिया गया कि भाजपा बहुमत के करीब पहुंचेगी तो फडणवीस को नेतृत्व मिलेगा।



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