Jabalpur News: करोड़ों रुपए खर्च करके सँवारा गुलौआ ताल, अब हुआ बदहाल

  • रियलिटी : म्यूजिकल फाउंटेन बंद, सड़ गईं पाथवे पर लगी लकड़ी की पट्टियाँ, जिम्मेदार बेखबर
  • गुलौआ ताल के ऑपरेशन और मेंटेनेंस का ठेका समाप्त हो चुका है।
  • स्मार्ट सिटी ने सवा करोड़ रुपए खर्च कर गुलौआ ताल में म्यूजिकल फाउंटेन लगाया था।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-28 14:09 GMT

Jabalpur News: करोड़ों रुपए खर्च करके स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सँवारा गया गुलौआ ताल अब बदहाल हो गया है। हालात ये हैं कि तालाब में लगा म्यूजिकल फाउंटेन लंबे समय से बंद है। अब यह शो पीस बनकर रह गया है। पाथवे के किनारे लोगों के बैठने के लिए लगाई गई लकड़ी की पट्टियाँ तक सड़ चुकी हैं। साैंदर्यीकरण के तहत लगाई गई लाइटों में पानी भर गया है। कई जगह खुले पड़े बिजली के तार घटनाओं काे आमंत्रण दे रहे हैं। लोग इस बात से हैरान हैं कि शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे।

उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी ने सवा करोड़ रुपए खर्च कर गुलौआ ताल में म्यूजिकल फाउंटेन लगाया था। इसका लोकार्पण 5 फरवरी 2020 को किया गया था। म्यूजिकल फाउंटेन से मधुर ध्वनियाँ निकलती थीं। इसको सुनने के लिए यहाँ पर बड़ी संख्या में लोग आया करते थे।

यहाँ पर लोग काफी वक्त बिताया करते थे। पाथवे के किनारे लोगों के बैठने के लिए लकड़ी की पट्टियाँ भी लगाई गई थीं। शुरू में यहाँ पर नियमित रूप से मेन्टेनेन्स का काम किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसकी देखरेख बंद कर दी गई। पहले म्यूजिकल फाउंटेन बंद हुआ, फिर पाथवे के पास की व्यवस्था भी पटरी से उतरने लगी।

नहीं बची बैठने की समुचित व्यवस्था

नागरिकों ने बताया कि गुलौआ तालाब के चारों तरफ बनाए गए पाथवे के किनारे के हिस्से में लोगों के बैठने के लिए लकड़ी की पट्टियाँ लगाई गई थीं, लेकिन अब ये पूरी तरह सड़ गई हैं। इससे यहाँ घूमने आने वाले लोगों को बैठने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें दुरुस्त करने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है।

दर्शक दीर्घा भी हुई बदहाल

क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि गुलौआ ताल में जहाँ म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया। उसके सामने और आसपास दर्शक दीर्घा बनाई गई थी, ताकि लोग कुदरती माहौल में यहाँ बैठकर संगीत और म्यूजिकल फाउंटेन का आनंद उठा सकें, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से सब कुछ चौपट हो गया है।

लाइटों में भर गया पानी, जानलेवा साबित हो सकते हैं खुले तार

गुलौआ ताल में चारों तरफ प्रकाश व्यवस्था के लिए आकर्षक लाइटें लगाई गई थीं। हालात ये हैं कि कई लाइटों में पानी भर गया है। यहाँ पर खुले तार भी जनता के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

आने वालों के हाथ लग रही निराशा

नागरिकों ने बताया कि गुलौआ तालाब के सौंदर्यीकरण के बाद यहाँ पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई थी। यहाँ प्रवेश के लिए शुल्क भी निर्धारित है। सुबह और शाम के समय लोग सैर करने और मनोरंजन करने के लिए यहाँ आते थे।

वर्तमान में म्यूजिकल फाउंटेन बंद होने और तालाब के आसपास अव्यवस्थाएँ होने के कारण यहाँ आने वालों को निराशा हाथ लगती है। नागरिकों का कहना है कि यहाँ लगे म्यूजिकल फाउंटेन को जल्द से जल्द शुरू किया जाए और लोगों के बैठने हेतु भी समुचित इंतज़ाम किए जाएँ, ताकि पर्यटक इस ओर आकर्षित हो सकें।

गुलौआ ताल के ऑपरेशन और मेंटेनेंस का ठेका समाप्त हो चुका है। अब नगर निगम को हैंडओवर करने की प्रक्रिया चल रही है। समस्याओं के समाधान हेतु प्रयास किए जाएँगे।

रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी

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