बालिका वधु बनने से बची 16 साल की नाबालिग - समझाइश के बाद बालिग होने पर शादी के लिए परिजन राजी
बालिका वधु बनने से बची 16 साल की नाबालिग - समझाइश के बाद बालिग होने पर शादी के लिए परिजन राजी
डिजिटल डेस्क सतना। रामनगर ब्लॉक के करहिया गांव में महज 16 वर्ष की उम्र में एक नाबालिग, बालिका वधु बनने से बचा ली गई। लाडो अभियान के तहत ब्लॉक स्तरीय टीम को उक्त सफलता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रानी चतुर्वेदी और परियोजना अधिकारी राजेन्द्र मिश्रा के साथ पर्यवेक्षक सुमन जायसवाल की सक्रियता के चलते मिली। हासिल जानकारी के मुताबिक 16 वर्षीय नाबालिग की मां रामनगर ब्लॉक के ही बड़ा इटमा गांव में बेटी की शादी कर रही थी। 26 अप्रैल को दोपहर बड़ा इटमा गांव से बारात भी करहिया पहुंच गई थी, तभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जानकारी मिली कि जिस लड़की की शादी हो रही है, वह अभी 16 साल की है।
अंकसूची से सामने आया सच
कार्यकर्ता ने फौरन इसकी जानकारी परियोजना अधिकारी को दी। इसके बाद परियोजना अधिकारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रानी चतुर्वेदी को नाबालिग के घर भेजा। कार्यकर्ता ने कक्षा-7 की अंकसूची से जन्मतिथि देखा, तब पता चला कि लड़की 16 साल की ही है। ये सूचना मिलते ही परियोजना अधिकारी राजेन्द्र मिश्रा, सुपरवाइजर मौके पर पहुंचे और परिजन को समझाइश दी। साथ ही यह भी बताया गया कि अगर 18 साल पूरा होने से पहले लड़की की शादी करोगे तो ये कानूनन अपराध है। ऐसा करने से होने वाली सजाओं के बारे में भी जानकारी दी गई।
दोनों पक्ष हुए सहमत
परियोजना अधिकारी ने बताया कि समझाइश देने के बाद दोनों पक्ष के लोग राजी हो गए। नाबालिग की मां ने भी लिखित आश्वासन दिया कि अब 18 वर्ष के बाद ही बेटी की शादी करेंगे। वहीं लड़के पक्ष के लोगों ने भी लड़की के बालिग होने के बाद ही उसे अपने घर की बहू बनाने का निर्णय लिया। महिला बाल विकास से जुड़े सूत्रों की मानें तो वर्ष 2021 में बाल विवाह रोकने का यह पहला मामला है। उल्लेखनीय है कि बाल विवाह रोकने के लिए जिला स्तर के साथ-साथ ब्लॉक स्तर में भी टीम बनीं हुई हैं।