ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में बढ़े 16 बाघ, हर साल बढ़ रही है संख्या

खुशखबरी ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में बढ़े 16 बाघ, हर साल बढ़ रही है संख्या

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-23 13:05 GMT
ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में बढ़े 16 बाघ, हर साल बढ़ रही है संख्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर. विदर्भ का ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प इन दिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। यहां बाघों की संख्या बढ़ रही है। गत 5 साल में 16 बाघों की संख्या बढ़ने की जानकारी हाल ही में हुई गणना में सामने आई है। हालांकि अधिकारियों की मानें, तो यह अधिकृत आंकड़े हैं। कई बाघ व्याघ्र प्रकल्प के बाहर भी रहते हैं। ऐसे यहां बाघों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। यहां बड़ी संख्या में बाघ होने के कारण हर साल कुछ बाघों का स्थानांतरण भी किया जाता है। पेंच, नवेगांव-नागझिरा, मध्यप्रदेश का कान्हा, दक्षिण में इंद्रावती, कावड़ व्याघ्र प्रकल्प आदि बड़े कॉरिडोर हैं, जिसके कारण हर साल बड़ी संख्या में यहां से बाघ बाहर निकलते हैं।

विदर्भ में जंगल सफारी के लिए महत्वपूर्ण समझे जाने वाले क्षेत्र में पेंच, बोर, नवेगांव-नागझिरा, ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प आदि सफारियां हैं, जहां पर्यटकों की भीड़ रहती है। यहां पर्यटकों को आसानी से बाघ दिखाई देते हैं। घना जंगल होने से पर्यटकों में रोमांच पैदा होता है। आंकड़ों की बात करें, तो वर्ष 2022 के ताजा आंकड़ों के अनुसार परिसर में गत 5 साल में 16 नए बाघों की उपस्थिति देखने को मिली है। वर्ष 2015 में यहां 71 बाघ थे, वही वर्ष 2016 में इनकी संख्या 70 हो गई गई थी, लेकिन वर्ष 2017 में इनकी संख्या 75 हो गई थी। वर्ष 2018 में 81 थे और वर्ष 2019 में 88 एवं वर्ष 2020 में 85 बाघ थे। वर्ष 2021 में 85 थी और वर्ष 2022 की गणना अनुसार 87 बाघ दर्ज किए गए हैं।


 

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