खेती बाड़ी: उड़द की कीमतों में आई कमी, रकबा भी बढ़ा, इस साल 5.37 लाख हेक्टेयर हुआ रकबा

  • इस साल 5.37 लाख हेक्टेयर हुआ उड़द का रकबा
  • रकबा भी बढ़ा - उड़द की कीमतों में आई कमी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-10 11:54 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. दालों और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के बीच उड़द के दाम में कमी आई है। केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य मंत्रालय के मुताबिक 6 जुलाई तक इंदौर और दिल्ली के बाजारों में उड़द की थोक कीमतों में क्रमश: 3.12 प्रतिशत और 1.08 प्रतिशत की सप्ताह दर सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है। अच्छी बारिश होने से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में अच्छी उपज होने की उम्मीद है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष उड़द की बुवाई का रकबा भी बढ़ा है।

इस साल 5 जुलाई तक देश में उड़द की बुवाई का रकबा 5.37 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। पिछले वर्ष इसी अवधि में यह रकबा 3.67 लाख हेक्टेयर था। 90 दिनों में उपज देने वाली इस फसल से इस वर्ष खरीफ के मौसम में अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद है। खरीफ की बुवाई के मौसम से पहले नैफेड और एनसीसीएफ जैसी सरकारी एजेंसियों की ओर से किए जाने वाले किसानों के पूर्व-पंंजीकरण में उल्लेखनीय तेजी आई है।

अकेले मध्यप्रदेश में उड़द उगाने वाले कुल 8,487 किसान पहले ही एनसीसीएफ और नैफेड के माध्यम से पंजीकरण करा चुके हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र में उड़द उगाने वाले 2,037 किसानों का पूर्व पंजीकरण हुआ है तो तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश में क्रमश: 1611 और 1663 किसानों का पूर्व पंजीकरण हुआ है।

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