New Delhi News: शिवराज ने कहा - मृदा स्वास्थ्य आज गंभीर चिंता का विषय, किसान हैं मिट्टी के सबसे बड़े संरक्षक
- मृदा स्वास्थ्य आज गंभीर चिंता का विषय
- आजादी के बाद कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है
New Delhi News : केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य आज गंभीर चिंता का विषय है। भारत ने आजादी के बाद कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। एक समय में देश में खाद्यान्नो की कमी थी और दूसरे देशों से खाद्यान्न मंगवाना पड़ता था। भारत में हरित क्रांति ने चमत्कार किया है। उन्होंने कहा कि किसान मिट्टी के सबसे बड़े संरक्षक हैं और उन्हें शिक्षा, प्रोत्साहन और आधुनिक वैज्ञानिक जानकारी के माध्यम से हमें सशक्त बनाना है। चौहान ने यहां वैश्विक मृदा सम्मेलन-2024 को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च उपज वाली फसलें व उनकी किस्में, बेहतर सिंचाई, आधुनिक कृषि प्रणालियों को अपनाया, जिससे करोड़ों भारतीयों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। इसके बाद रेनबो क्रांति ने भी बागवानी, डेयरी, जलीय कृषि, मुर्गी पालन आदि से कृषि को विविधता मिली, जिससे बाद में कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ बन गई।
चौहान ने कहा कि सालाना 330 मिलियन टन खाद्यान्न हम उत्पादित करते हैं, जो कि वैश्विक खाद्य व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इससे निर्यात से 50 मिलियन डॉलर की कमाई होती है, लेकिन यह सफलता साथ में मिट्टी के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं भी लाई है। कृषि मंत्री ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का बढ़ता प्रयोग व बढ़ती निर्भरता, प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन और अस्थिर मौसम ने मिट्टी पर दबाव डाला है। आज भारत की मिट्टी बड़े स्वास्थ्य संकट का सामना कर रही है।