आलोचना पर बयान: विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट को किया खारिज

  • अमेरिका की रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण
  • वोटबैंक की सोच से प्रेरित

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-28 14:36 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, (एजेंसी)  भारत ने अमेरिका के विदेश मंत्रालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी रिपोर्ट में की गई आलोचना को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण और वोट बैंक की सोच से प्रेरित है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि रिपोर्ट में भारत के खिलाफ पूर्वाग्रहपूर्ण बयान को आगे बढ़ाने के लिए चुनिंदा घटनाओं को शामिल किया गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर कहा कि भारत में धर्मांतरण विरोधी कानूनों, घृणा भाषण और अल्पसंख्यक समुदायों के घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त करने की घटनाओं में ‘‘चिंताजनक वृद्धि’’ हुई है।

जायसवाल ने कहा, ‘‘अतीत की तरह, यह रिपोर्ट भी अत्यधिक पक्षपातपूर्ण है, इसमें भारत के सामाजिक ताने-बाने की समझ का अभाव है तथा यह स्पष्ट रूप से वोट बैंक की सोच और निर्देशात्मक दृष्टिकोण से प्रेरित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम इसे खारिज करते हैं।

यह प्रक्रिया अपने आप में आरोप-प्रत्यारोप, गलतबयानी, तथ्यों के चयनात्मक उपयोग, पक्षपातपूर्ण स्रोतों पर निर्भरता और मुद्दों को एकतरफा तरीके से पेश करने का मिश्रण है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि रिपोर्ट भारतीय कानूनों और विनियमों की वैधता पर सवाल उठाती है, जिसमें वित्तीय प्रवाह की निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाए गए कानून भी शामिल हैं, जिन्हें भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक मानता है.

जायसवाल ने आगे कहा कि 'यह हमारे संवैधानिक प्रावधानों और भारत के विधिवत अधिनियमित कानूनों के चित्रण तक भी फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि 'इसने पूर्वकल्पित कथा को आगे बढ़ाने के लिए चुनिंदा घटनाओं को भी चुना है. कुछ मामलों में, रिपोर्ट द्वारा कानूनों और विनियमों की वैधता पर सवाल उठाया गया है, साथ ही उन्हें लागू करने के लिए विधायिकाओं के अधिकार पर भी सवाल उठाया गया है. रिपोर्ट भारतीय न्यायालयों द्वारा दिए गए कुछ कानूनी निर्णयों की सत्यनिष्ठा को भी चुनौती देती प्रतीत होती है.

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