विपक्षी एकजुटता की कवायद से दूर होंगे केजरीवाल!, पटना बैठक में तबज्जो नहीं मिलने से खफा है आप
- आप की शर्त- राहुल पर दांव न लगाए कांग्रेस
- विपक्षी एकजुटता की कवायद से दूर होंगे केजरीवाल!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार। विपक्षी एकता के लिए 23 जून को पटना में हुई महाबैठक में आम आदमी पार्टी के चार दिग्गज नेताओं ने शिरकत की थी। लेकिन बैठक के बाद ‘दिल्ली अध्यादेश’ के मसले पर पार्टी की बढ़ी आक्रामकता यह बताती है कि अब वह विपक्षी एकजुटता की कवायद से खुद को दूर करेगी। आप के सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस का यही ढुलमुल रवैया रहा तो पार्टी 12 जुलाई को शिमला में प्रस्तावित बैठक में शामिल नहीं होगी।
दरअसल आप के नेता इस बात से भी खफा है कि पटना बैठक में उन्हें ज्यादा तबज्जो नहीं मिली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल इसी बैठक में दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस से ‘हां’ कराना चाहते थे। लेकिन अन्य पार्टियों ने इस मसले को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि अध्यादेश के मसले पर संसद के मॉनसून सत्र के समय विचार करेंगे। इसके बाद आप के नाराज नेता प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर दिल्ली रवाना हो गए।
आप की शर्त- राहुल पर दांव न लगाए कांग्रेस
पटना बैठक के बाद से आप नेताओं का कांग्रेस पर हमला जारी है। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने तो सीधा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर ही निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर देश बचाना है तो सबसे पहले कांग्रेस को बोल देना चाहिए कि वो तीसरी बार भी राहुल गांधी पर दांव नहीं लगाएगी और विपक्ष को मजबूर नहीं करेगी। देश हित में यह संविधान को बचाने से अधिक महत्वपूर्ण है। आप के एक अन्य प्रवक्ता व विधायक कुलदीप कुमार ने कांग्रेस पर भाजपा का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस को छोड़कर पटना बैठक में मौजूद सभी पार्टियों ने अध्यादेश के खिलाफ अपना समर्थन दिया है।
केजरीवाल के दबाव में नहीं आएगी कांग्रेस
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनकी पार्टी अरविंद केजरीवाल के दबाव में नहीं आएगी। अध्यादेश पर फैसला संसद के मॉनसून सत्र के पहले ही होगा। उन्होंने कहा कि अध्यादेश का मामला संसद की रणनीति का हिस्सा है, विपक्षी एकता का का हिस्सा नहीं। हालांकि यह भी तय है कि कांग्रेस अध्यादेश मामले में सरकार के साथ नहीं जाएगी, लेकिन वह अभी फैसला करके खुलकर आप के साथ जाते दिखना नहीं चाहती। वैसे भी कांग्रेस की पंजाब और दिल्ली इकाई केजरीवाल के साथ जाने के पक्ष में नहीं हैं।