मिल रहा लाभ: जीआरसी 10,000 दिव्यांगों को दे चुका है प्रशिक्षण, आशा की किरण बनकर है उभरा
- रोजगार दिलाना आज समय की मांग
- जीआरसी 10,000 दिव्यांगों को दे चुका है प्रशिक्षण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. दिव्यांगों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार दिलाना आज समय की मांग है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सार्थक एजुकेशन ट्रस्ट ने अमेजन इंडिया के साथ मिलकर दिसंबर 2023 में ग्लोबल रिसोर्स सेंटर (जीआरसी) लॉन्च किया है। जीआरएसी लगातार दिव्यांगों को प्रशिक्षण, परामर्श और नौकरी दिलाने का काम कर रहा है। सार्थक के संस्थापक और सीईओ डॉ जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि अमेजन और सार्थक के संयुक्त प्रयास से अब तक 10,000 से अधिक दिव्यांगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और पिछले 6 महीने में 6,000 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।
दिव्यांगों को रोजगार दिलाना है बड़ी चुनौती
अपनी दोनों आंखों की रोशनी गंवाने वाले डॉ अग्रवाल बताते हैं कि देश में इस समय दिव्यांगों की तादाद 15 करोड़ से ज्यादा है। इन्हें प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाना एक बड़ी चुनौती है। जीआरसी बधिर, नेत्रहीन और लोकोमोटर विकलांगता वाले व्यक्तियों को सेवा देता है। उन्होंने कहा कि जीआरसी अमेजन की प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता और विकलांगता कौशल विकास, प्रशिक्षण और नौकरी प्लेसमेंट में सार्थक के अनुभव का लाभ उठाता है। अमेजन इंडिया की मनीषा पाटील ने कहा कि समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाले इन कार्यक्रमों में प्रौद्योगिकी, ई कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और उससे आगे क्षमता निर्माण की पेशकश की गई, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि दिव्यांगों के पास डिजिटल अर्थव्यवस्था में फलने फूलने के लिए आवश्यक कौशल और समर्थन है।
पाटील ने कहा कि अमेजन की वार्षिक ग्लोबल मंथ ऑफ वालंटियरिंग (जीएमवी) पहल के जरिए दिव्यांगों को सशक्त बनाने की तैयारी है। जीएमवी एक विश्वव्यापी कार्यक्रम है, जिसके तहत अमेजन का शीर्ष नेतृत्व, कर्मचारी, भागीदार और यहां तक कि ग्राहक विभिन्न मुद्दों के निदान का समर्थन करने के लिए एकजुट होते हैं।