निशाना: सरकार नीट-यूजी विवाद और इसमें हुए घोटाले से बचने की कोशिश कर रही है - कांग्रेस
- इस धांधली से 24 लाख छात्रों का भविष्य अंधेरे में
- केंद्र पर बड़ा निशाना
- कांग्रेस ने पूछा सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. कांग्रेस ने नीट-यूजी परिणामों में हुए धांधली को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि एक तिहाई प्रधानमंत्री की सरकार नीट-यूजी विवाद और इसमें हुए घोटाले से बचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के अलावा इससे जुड़े अलग घोटाले के संदर्भ में सवाल उठाए और इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से जवाब मांगा है।
रमेश ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भले ही 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द करने की बात कही है, लेकिन सवाल उठता है कि पहले ग्रेस मार्क्स दिए ही क्यों गए? महासचिव ने कहा, यह प्रतीत होता है कि पेपर में भौतिकी का एक प्रश्न था, जिसमें चार विकल्प दिए गए थे। एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की नई पाठ्यपुस्तक के अनुसार चार में से एक विकल्प सही था, लेकिन पुरानी पाठ्यपुस्तक के आधार पर दूसरे विकल्प को भी सही माना जा सकता है। जिन छात्रों ने बाद वाले पर टिक लगाया और जिन छात्रों का पेपर वितरण में देरी आदि के कारण समय बर्बाद हुआ, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए। इससे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) और एनसीईआरटी दोनों की भूमिका पर सवाल खड़े होते है।
रमेश ने कहा कि 2019 के बाद से नीट-यूजी के किसी भी वर्ष में तीन से अधिक टॉपर नहीं रहे हैं। ऐसे में 67 छात्रों ने 2024 में 720 का परफेक्ट स्कोर कैसे हासिल किया? इनमें से 44 को ग्रेस मार्क्स से लाभ हुआ। यदि इन्हें हटा भी दें तो भी 23 टॉपर बचते हैं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 11 गुना अधिक है। यही नहीं एक ही राज्य से आने वाले कई नीट 2024 टॉपर्स के रोल नंबर एक जैसे कैसे रहे?