काले धन को सफेद करने वाली योजना है इलेक्टोरल बॉन्ड योजना - कांग्रेस

  • कैश- क्रोनी कैपिटलिज्म और भ्रष्टाचार है भाजपा की नई चाल
  • कांग्रेस का बड़ा आरोप
  • चुनावी फंडिंग की पारदर्शी व्यवस्था चाहती है कांग्रेस

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-14 15:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. कांग्रेस ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को काले धन को सफेद करने वाली योजना बताते हुए कहा कि भाजपा ने क्रोनी कैपिटलिज्म के माध्यम से अपनी लूट को वैध बनाने के लिए यह योजना शुरू की है। कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यहां कहा कि कैश, क्रोनी कैपिटलिज्म और भ्रष्टाचार भाजपा का नया चाल, चरित्र और चेहरा है।

खेड़ा ने बताया कि एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017-18 और वर्ष 2020-21 के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा को 52 प्रतिशत से अधिक 5,271 करोड़ रूपये राजनीतिक फंडिंग से आया जबकि अन्य सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 1,783 करोड़ रूपये मिले। इसका सीधा मतलब है कि मोदी सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड योजना काले धन को सफेद करने वाली योजना है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को नष्ट करना, पारदर्शिता को खत्म करना और चुनावी परंपराओं को ध्वस्त करना मोदी सरकार का एकमात्र उद्देश्य है।

चुनावी फंडिंग की पारदर्शी व्यवस्था चाहती है कांग्रेस

खेड़ा ने कहा कि इस बॉन्ड के खिलाफ चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट, आरबीआई सभी को आपत्तियां थीं। लेकिन राज्यसभा में बिना चर्चा के इसे मनी बिल के रूप में पारित करा दिया गया। उन्होंने सरकार से पूछा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के परिणामस्वरूप जो आपने कॉरपोरेट दान की सीमा समाप्त कर दी, साथ ही पहले कंपनियों को बताना पड़ता था कि किसको कितना दान दिया, वह भी समाप्त कर दिया गया, क्या इससे क्रोनी कैपिटलिज्म को कानूनी जामा नहीं पहनाया गया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनावी फंडिंग की पारदर्शी व्यवस्था चाहती है।

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