वाइब्रेंट विलेजे के विकास से सीमा सुरक्षा चक्र में एक अतिरिक्त परत जुड़ेगी - शाह
- वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर आयोजित कार्यशाला
- विकास से सीमा सुरक्षा चक्र में एक अतिरिक्त परत जुड़ेगी
- देश की सीमाओं की सुरक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा क सीमावर्ती गांव को देश के किसी भी अन्य गांव के समान सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, इस कल्पना के साथ ही वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकता है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी हुई है, सीमावर्ती गांवों को सुरक्षित रखे बिना हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित नहीं रख सकते।
शाह ने राजधानी में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ पर एक कार्यशाला का उद्धाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज के विकास से देश की सीमा सुरक्षा चक्र में एक अतिरिक्त परत जुड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया, फिर सीमावर्ती गांवों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की है और अब सीमावर्ती गांवों से पलायन रोकने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया है। हमारा मानना है कि साीमावर्ती गांव देश के आखिरी गांव नहीं, बल्कि पहले गांव हैं।
सीमावर्ती गांवों को विकसित करने के बताए तीन तरीके
गृह मंत्री ने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों से हर गांव की स्थानीय परिस्थिति और मौसम के अनुरूप पर्यटन, रोजगार सृजन, कृषि, हस्तशिल्प और सहकारिता, बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने और केन्द्र और राज्य की योजनाओं को शत प्रतिशत पूरा करने से संबंधित पहल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वीवीपी (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) प्रोग्राम सही मायने में वीवीआईपी (वेरी वेरी इंपोर्टेंड प्रोग्राम) है। शाह ने कहा कि सीमावर्ती गांवों को विकसित करने के तीन मुख्य तरीके हैं- गांवों में केन्द्र की जनकल्याणकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत क्रियान्वयन, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा और देश के बाकी हिस्सों के साथ गांवों के डिजिटल और भावनात्मक संपर्क को बढ़ाना।