कैसे होगा बूथ प्रबंधन: कांग्रेस को खल रही है कार्यकर्ताओं की कमी, बीजेपी का बूथ लेवल पर फोकस

  • लोकसभा चुनाव में 370 सीटों का आंकडा हासिल करने की जुगत
  • भाजपा हर बूथ पर 370 नए वोटर जोड़ने के काम में जुटी
  • कांग्रेस को खल रही है कार्यकर्ताओं की कमी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-12 15:05 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, सुनील निमसरकर। लोकसभा चुनाव में 370 सीटों का आंकडा हासिल करने के लिए भाजपा हर बूथ पर 370 नए वोटर जोड़ने के काम में जुटी है और पार्टी का फोकस भी चुनावी मैदान से ज्यादा बूथ लेवल की लड़ाई पर ज्यादा है। कांग्रेस की स्थिति भाजपा से ठीक उलट है।

कांग्रेस बूथ स्तर पर अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत करने के लिए पैसों और कार्यकर्ताओं की कमी महसूस कर रही है। यही वजह है कि कांग्रेस का ज्यादा फोकस घोषणा पत्र में दी गई पांच गारंटियों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाकर वोटरों को रिझाने पर है।

कांग्रेस के एक नेता ने इस तथ्य को स्वीकार स्वीकार किया है कि भाजपा के मुकाबले कांग्रेस बूथ लेवल को मजबूत करने में जितना ध्यान केंद्रित करना चाहिए उतना, नहीं कर पा रही है। उनका कहना है कि भाजपा बूथ लेवल के प्रबंधन में इसलिए आगे है क्योंकि उनके पास आरएसएस के कार्यकर्ता की बड़ी फौज है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कमी महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा अगर एक बूथ पर 370 नए वोटरों को जोड़ने का टार्गेट रखे हुए है तो कांग्रेस भी इस कोशिश में है कि वह भी कम से कम 150-200 मतों को जोड़े। उन्होंने बताया कि पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढी के अलावा अन्य सेल के पदाधिकारी इस काम में जुटे हुए है।

भाजपा के बूथ स्तर के प्रबंधन की बात करें तो पार्टी ने चुनावी बिगूल बजने से काफी पहले ही इसके मजबूती पर अपना ध्यान केंद्रीत किया था। इसके लिए बूथ अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए थे। इसके लिए अलग-अलग स्तर पर तैयारी और बैठकों का दौर चला, जिसमें बूथ अध्यक्षों को उनके 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में पड़े वोट से 370 वोट लाने का लक्ष्य दिया गया है।


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