सैनिक स्कूल का उद्घाटन: राष्ट्रवाद से समझौता करना राष्ट्र के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात - उपराष्ट्रपति
- आज का भारत वैसा नहीं है, जैसा दस साल पहले था
- राष्ट्रवाद से समझौता करना राष्ट्र के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के नागरिकों को राष्ट्रवाद से समझौता करने से आगाह किया और इसे ‘राष्ट्र के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात’ बताया। उन्होंने कहा कि जहां भी कोई राष्ट्र की अखंडता को खतरा पहुंचाता है तो हमें उसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य को हमेशा स्वार्थ और राजनीतिक हित से ऊपर रखने पर जोर दिया। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ऐसा न करना भारत के कई सहस्त्राब्दियों से चले आ रहे सभ्यतागत लोकाचार पर हमला होगा। धनखड़ शनिवार को सैनिक स्कूल, गोरखपुर के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य भाषण दे रहे थे। उन्होंने परिवर्तनकारी बदलाव के केन्द्र के रूप में शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को अपने जीवन को नियंत्रित करने, समाज में असमानताओं को खत्म करने और बड़े पैमाने पर कुप्रथाओं को खत्म करने में शिक्षा की शक्ति की अहमियत बताई। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत वैसा नहीं है, जैसा दस साल पहले था। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 जिसे संविधान निर्माताओं ने अस्थायी कहा था, कुछ लोगों ने उसे स्थायी मान लिया था। लेकिन इस दशक में इसे समाप्त कर दिया गया है। यह आज का भारत है।