दावा: चंद्रशेखर अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद को सुलझाने के करीब पहुंच गए थे - हरिवंश
- जन्मभूमि विवाद को सुलझाने के करीब थे चंद्रशेखर
- राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का बड़ा खुलासा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ऐसे दुर्लभ राजनेताओं में से थे, जो अपने छह दशकों से अधिक के सार्वजनिक जीवन के दौरान अपनी समाजवादी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध थे। वे साहस और दृढ़ विश्वास के प्रतीक थे और उन्होंने अपने राजनीतिक वाद-विवाद में उल्लेखनीय सभ्यता प्रदर्शित की। हरिवंश ने शुक्रवार को यहां प्रधानमंत्री संग्रहालय में प्रधानमंत्री व्याख्यानमाला के भाग के रूप में चंद्रशेखर का जीवन और विरासत पर व्याख्यान दिया। इस दौरान उपसभापति ने राजनीति में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की विरासत को याद करते हुए यह बात कही। श्री हरिवंश ने प्रधानमंत्री के रूप में श्री चंद्रशेखर के समय को याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने अयोध्या राम जन्मभूमि के लंबे समय से चले आ रहे विवाद का लगभग समाधान कर दिया था। चंद्रशेखर की सरकार केवल सात महीने चली। यदि उनकी सरकार कुछ और समय तक रही होती तो उन्हें यकीन था कि राम जन्मभूमि का मुद्दा शांतिपूर्ण ढंग से हल हो गया होता। हालांकि, समझौते की ये सारी खबरें उस समय कांग्रेस के लिए उतनी सुखद नहीं थी।
उपसभापति ने कहा कि जब मै उनकी जीवनी लिख रहा था, तो मुझे उस समय के नेताओं की कई टिप्पणियां मिली, जिन्होंने स्वीकार किया था कि केवल चंद्रशेखर ही बिना किसी पूर्वाग्रह के संबंधित सभी पक्षों से बात कर सकते थे। उन्होंने कहा कि 1990-91 में एक बड़े वित्तीय संकट को टालने के लिए की गई शुरुआती कड़ी मेहनत के लिए श्री चंद्रशेखर को भी उचित श्रेय मिलना चाहिए। वर्तमान संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत की 1991 की स्थिति एक यादगार के रूप में काम करनी चाहिए कि फिजूखर्ची अंतत: देश को नुकसान पहुंचाती है।