मुलाकात: जेपी नड्डा से मिले भोजपुरी स्टार पवन सिंह - आगे जो भी होगा, अच्छा ही होगा
- आसनसोल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से इंकार
- अभिनेता पवन सिंह ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की
- मांडविया ने आयुष-आईसीएमआर उन्नत केन्द्र का शुभारंभ किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. आसनसोल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। नड्डा से मिलने के बाद पवन सिंह ने कहा, “आगे जो भी होगा, अच्छा होगा”। दरअसल शनिवार को भाजपा ने 195 उम्मीदवारों की पहली सूचि जारी की थी, जिसमें पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से पवन सिंह का नाम शामिल था। लेकिन विवाद शुरू होने के बाद खुद पवन सिंह ने भाजपा शीर्ष नेतृत्व का आभार जताते हुए आसनसोल से चुनाव लड़ने से मना कर दिया। इसी के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष ने उन्हें आज मिलने के लिए बुलाया था। इस मुलाकात के बाद पवन सिंह ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात हुई है, आगे जो भी होगा, अच्छा होगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप आगे चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा, “यह तो समय बताएगा। आगे जो भी होगा, अच्छा होगा। जो भी होगा, आप लोगों को बताया जाएगा। थोड़ा इंतजार कीजिए”। जानकारी के मुताबिक पवन सिंह बिहार या उत्तरप्रदेश की किसी एक सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। दरअसल शनिवार को भाजपा ने आसनसोल सीट से जैसे ही पवन सिंह की उम्मीदवारी की घोषणा की, वैसे ही तृणमूल कांग्रेस के नेेताओं ने उनके कुछ पुराने गानों को लेकर हमला शुरू कर दिया। गाने में बंगाल की महिलाओं के लिए विवादित बोल हैं। इसके बाद पवन सिंह ने आसनसोल से चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
मांडविया ने आयुष-आईसीएमआर उन्नत केन्द्र का शुभारंभ किया
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि आयुष में सहयोगात्मक अनुसंधान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पारंपारिक ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के बीच के अंतर को दूर करता है और स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। डॉ मांडविया ने यह बात एम्स में एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए आयुष-आईसीएमआर उन्नत केन्द्र का शुभारंभ करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी संस्कृति, विरासत और परंपरा का हिस्सा है। यह आज भी हमारे दैनिक व्यवहार में अपनाया जा रहा है। इस रणनीतिक सहयोग का उद्देश्य एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान को बढ़ाना, पारंपरिक आयुष प्रथाओं को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ एकीकृत करना और भारत को समग्र स्वास्थ्य देखभाल नवाचारों में अग्रणी स्थान पर ले जाना है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों विषयों से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण का पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लोगों की जरूरतों के लिए गुणवत्ता उन्मुख स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।