किसान संगठन की मांग: नकली कीटनाशक उत्पादकों के खिलाफ हो कार्रवाई, किसानों को हो रहा सीधा नुकसान

  • घटिया कीटनाशकों से किसानों को हो रहा सीधा नुकसान
  • राष्ट्रीय किसान प्रगतिशील संघ की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-08 13:44 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय किसान प्रगतिशील संघ (आरकेपीए) ने देश में घटिया किस्म के कृषि रसायनों के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि नकली कीटनाशक का उत्पादन कर रही कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। आरकेपीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिनोद आनंद ने उन संगठनों को आड़े हाथ लिया, जो घटिया एवं नकली कीटनाशकों के स्तर को कीटनाशक बाजार का मात्र 2 प्रतिशत होने का दावा कर रहे हैं। दरअसल ऐसा दावा संबंधित संगठनों ने दो दिन पहले एक राष्ट्रीय समाचारपत्र में विज्ञापन देकर किया है। जानकारी के मुताबिक यह आंकड़ा 30 प्रतिशत से भी ज्यादा है।

आनंद ने कहा कि नकली कीटनाशक बाजार एक समानांतर उद्योग बन चुका है, जो कि बड़ी एवं सुप्रसिद्ध कंपनियों द्वारा दोषियों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर की संख्या से पता चलता है। ये किसानों की आजीविका, उपज, फसल गुणवत्ता, आय और व्यापक तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहे हैं।

वर्ष 2021 में दक्षिण भारत में 9 लाख एकड़ में मिर्ची की फसल बर्बाद होने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि फसल को नुकसान दरअसल घटिया किस्म की कीटनाशकों की अवघातक मात्रा के कारण हुआ था।

इसका नुकसान आखिरकार किसानों और उपभोक्ताओं को हुआ। आरकेपीए के महासचिव पवन तायल ने कीटनाशक डीलरों व खुदरा विक्रेताओं से लिए गए सैंपलों में हेराफेरी को देश में घटिया कीटनाशकों के फलते-फूलते बाजार की जड़ बताया।

राष्ट्रीय किसान प्रगतिशील संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिनोद आनंद ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वर्ष 1950 से भारत की कृषि उत्पादकता छह गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है, जो सराहनीय है लेकिन दुर्भाग्यवश, प्रति एकड़ उपज कई विकसित और विकासशील देशों से काफी कम है।’’



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