नांदेड़: बिलोली की मांजरा नदी पर अवैध रेत खनन, अब पर्यावरण विभाग ने दी है ये चेतावनी..

  • 15 ब्रास रेती निकालने की अनुमति
  • प्रादेशिक परिवहन विभाग की अनदेखी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-23 16:20 GMT

डिजिटल डेस्क, नांदेड़। बिलोली तालुका के मांजरा नदी क्षेत्र में संबंधित ठेकेदार लगभग तीन महीने से रेत डिपो के नाम पर लाखों की अतिरिक्त रेत का उत्खनन कर रहा है। इसके कारण नदी तल के मुख्यतः सगरोली क्षेत्र में कई स्थानों पर रेत की पांच से सात फिट की लंबी खुदाई की गई है। इससे पर्यावरण विशेषज्ञ ने चिंता जताई है की, नदी में पानी का प्रवाह बदलने की आशंका जताई हैं, जिससे भविष्य में पर्यावरण को खतरा होगा। करीब 20 किलोमीटर लंबी और एक किलोमीटर चौड़ी इस मांजरा नदी के तलहटी में कम से कम 10 से 15 जेसीबी मशीन दिन - रात रेत की खुदाई कर रही हैं और 50 से 100 भारी वाहनों से रेत का परिवहन कर रेत का भंडारण कर रही हैं। गंभीर बात यह है कि, प्रतिदिन जितनी रेत बिकती है, उससे अधिक रेत का भंडारण किया जाता है। इस वजह से स्टॉक इतना ही है। हालांकि ऐसा प्रतीत होता है, यदि आप सगरोली फाटा से सगरोली के शारदा नगर पाटी तक इस रास्ते से यात्रा करते हैं, तो देखा जा सकता है कि, किसानों की जमीन किराए पर लेकर सड़क के किनारे हजारों ब्रास रेती का अतिरिक्त भंडारण किया गया है। लोगो से मांग की जा रही है कि, संबंधित अधिकारी और पर्यावरण विभाग इस मामले पर ध्यान दें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

15 ब्रास रेती निकालने की अनुमति

सगरोली के रेत घाट में 15 हजार ब्रास की अनुमति दी गई है, लेकिन पंद्रह दिन के भीतर रेत बेचकर अवैध तरीके से रेत का खनन किया जा रहा है। इसके अलावा नदी के तल में भंडारण के लिए चार जेसीबी के साथ 15 टिपरों का उपयोग किया जा रहा है, तो क्या इसके लिए नांदेड़ जिलाधिकारी और बिलोली उपविभागीय अधिकारी जिम्मेदार नहीं हैं? ऐसा सवाल आम नागरिकों द्वारा व्यक्त किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर घरों के लिए बालू नहीं मिल पा रहा है। बहरहाल, यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि, ट्रक हाइवा के माध्यम से बालू को अहमदनगर कर्नाटक, आंध्र जिले में भेजा जा रहा है।

तस्करी के वाहनों को पकड़कर छोड़ दिया - 20/05/2024 को विजय नगर, मुरुम की गाडी को पेट्रोल पंप पर रोका गया। एम.एच.14 EM 5792 ट्रक के पास वैध लाइसेंस होने पर इस ट्रक को पकड़ लिया गया और छोड़ दिया गया। कहा जाता है कि, एक राजस्व कर्मचारी को पहचान होने से छोड दिया गया। दूसरी तरफ कई ऐसी गाड़ियां है जिसके पास ना लाइसेंस है ना गाड़ी पर नंबर ऐसे वाहनों को बिना रोके चला रहे है।


विधायक जितेश अंतापुरकर के नाम का दुरुपयोग - देगलूर बिलोली विधानसभा क्षेत्र के विधायक जितेश अंतापुरकर के नाम का प्रशासन मे कुछ ठेकेदार अधिकारियों के सामने उनके नाम का दुरुपयोग कर अपना काम करा रहे हैं। अधिकारी के सामने जब विधायक का नाम लेने के बाद अधिकारी भी चुपचाप काम करके दे रहे है क्योकी राजस्व मे काम करने वाले कर्मियों के पास ही हायवा जैसे ट्रक कीराये पर ठेकेदार के पास लगाने से कुछ बोल नहीं पर रहे है।

प्रादेशिक परिवहन विभाग की अनदेखी - प्रादेशिक परिवहन विभाग का उपकार्यालय बिलोली मे कार्यरत होने के बावजूद भी रेत का परिवहन धड़ल्ले से हो रहा है। कोई भी ट्रक में रेत का परिवहन 5 ब्रास होना चाहिए, लेकिन नियम से ज्यादा परिवहन किया जाता है। सूत्रों से बताया जाता है की, जहाँ एक परिवहन विभाग का टोल नाका कार्यरत है उसके कैमरा का कनेक्शन जिला परिवहन विभाग में होने से रेत की ढुलाई करने वाली गाड़ियां एक किसान के खेत से सीमा पार छोड़ी जाती है। इसके लिए किसान को पर गाडी 1500 रुपये दिया जाता है। उपखण्ड अधिकारी जंगम जब कुछ समय तक बिलोली एवं देगलूर के प्रभारी थे तो उन्होंने मांजरा नदी तट के सगरोली रेती खानपट्टा की रिपोर्ट जिला जिलाधिकारी को सौंपी थी, लेकिन उक्त रिपोर्ट के संबंध में कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है।

समृदा एवं रेत विशेषज्ञ अरविंद हिवराले - ने बताया कि नायगांव, धर्माबाद, बिलोली एवं उमरी में उत्खनन एवं रेत उत्खनन के कारण आने वाले समय में नदी के किनारे भूस्खलन होने से प्रवाह में बदलाव की प्रबल संभावना है। समृद एवं रेत विशेषज्ञ अरविंद हिवराले ने बताया कि, नायगांव, धर्माबाद, बिलोली एवं उमरी में उत्खनन एवं रेत उत्खनन के कारण आने वाले समय में नदी के किनारे भूस्खलन होने से प्रवाह में बदलाव की प्रबल संभावना है।

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