नांदेड़ अस्पताल में मौतों का मामला: कमेटी ने तैयार कर ली है जांच रिपोर्ट, सरकार को जल्द ही सौंपी जाएगी- सीएम शिंदे ने वीसी से ली ताजा जानकारी
- जांच कमेटी की रिपोर्ट आज सरकार के सामने
- सहसंचालक डॉ.म्हैसेकर नांदेड़ मुक्काम
- व्हीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री ने ली जानकारी
डिजिटल डेस्क, नांदेड़, धनराज भारती। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वीसी के जरिए सरकारी अस्पताल के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन पूरी स्थिति का जायजा लिया। बताया जा रहा है कि जांच कमेटी ने निष्कर्ष निकाला है कि, यहां का डॉक्टर दोषी नहीं है। इसके बाद भी सबकी नजर इस पर है कि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या होगा। सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पिछले चार दिनों में हुई मरीजों की मौत की जांच के लिए सहसंचालक डॉ.दिलीप म्हैसेकर पिछले तीन दिनों से शहर में है। मंगलवार से उनके साथ तीन विशेषज्ञ डॉक्टर भी काम कर रहे हैं। इस कमेटी ने जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है और यह रिपोर्ट आज शाम या कल सरकार को सौंपी जाएगी और सरकार इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने जा रही है।
खबर है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मरने वालों की संख्या 41 हो गई है, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने इस पर संदेह जताया है। इसलिए अस्पताल की ओर से मृतकों की संख्या की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस संबंध में पूछे जाने पर हम उक्त रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। यह भी कहा गया कि, मरने वालों की वास्तविक संख्या उसके बाद ही मीडिया को दी जाएगी। इससे पहले छत्रपति संभाजी नगर सरकारी अस्पताल के मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ. मीनाक्षी भट्टाचार्य, बाल रोग विभाग की प्रमुख डॉ. प्रणिता जोशी और जनरल मेडिसिन विभाग के डॉ.भरत चव्हाण नांदेड़ पहुंच चुके हैं। वे लगातार जांच कर रहे हैं। 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच नवजात शिशुओं और विभिन्न बीमारियों के मरीजों की मौत हो गई, जिससे एक ही दिन में 24 लोगों की मौत से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया। जैसे ही मीडिया में खबर प्रकाशित हुई, राजनीतिक समूह अस्पताल पहुंच गए। पिछले कई सालों से इस राजनीतिक समूह ने कभी अस्पताल का दौरा नहीं किया था। यहां तक कि इस अस्पताल के विजिटिंग सदस्य ने डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज का साधारण दौरा भी नहीं किया।
डॉ.दिलीप म्हैसेकर के नेतृत्व में समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है और डॉक्टर द्वारा उनके इलाज के दौरान समय-समय पर बनाए गए सभी दस्तावेजों, नोट्स की जांच की है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. दिलीप म्हैसेकर सभी पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। वे लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि, किसी भी हालत में काम में देरी न हो और सारी सच्चाई सामने आ जाए।
योजना समिति को दवा खरीदने की अनुमति
सार्वजनिक आरोग्य विभाग वैद्यकीय शिक्षण व औषधी द्रव्य विभाग इस विभाग के अधीनस्थ ऐसे आरोग्य संस्था के लिए राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने बजट वर्ष 2023-24 में औषधियों की खरीदी के लिए जिला योजना समिति से प्राप्त धनराशि से शत-प्रतिशत खरीदी की अनुमति दे दी है। नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में चार दिनों में करीब 51 लोगों की मौत को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पिछले नियम को रद्द कर दिया और 5 अक्टूबर को जारी आदेश में राज्य सरकार को फंड से 100 फीसदी दवाएं खरीदने की इजाजत दे दी है। जिला योजना समिति द्वारा समय-समय पर अपेक्षित अनुसार बजट वर्ष में प्राप्त किया जाता है। अब स्थानीय स्तर पर दवा खरीदने की अनुमति मिल गयी है तो सरकारी अस्पतालों को समय-समय पर दवाओं की तत्काल आपूर्ति की जाएगी।
बच्चों की मौत को लेकर कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ बच्चों को जन्म के समय बहुत कम वजन और बेहद नाजुक हालत में अलग-अलग जगहों से सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर लाख कोशिशों के बाद भी उसकी जान नहीं बचा सके। तो ये विषय चर्चा का विषय बन गया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ मंगलवार दोपहर विशेष उड़ान से नांदेड़ पहुंचे। उस वक्त डॉ.दिलीप म्हैसेकर ने उनके सामने पूरी जानकारी दी. इस बार उन्होंने दस्तावेज़ जमा किए और मौत के मामले में कोई दुर्घटना या गलत काम नहीं हुआ। इसलिए पता चला है कि, उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि, अस्पताल के डॉक्टरों की कोई गलती नहीं है। जिस निजी अस्पताल से मरीज सरकारी अस्पताल में आया था, उससे जुड़े डॉक्टरों को भी सरकारी अस्पताल में बुलाया गया। उनसे भी जानकारी ली गयी। इसके बाद यह रिपोर्ट सौंपी गई है। सहसंचालक डॉ. दिलीप म्हैसेकर ने बताया कि, उक्त रिपोर्ट पूरी हो चुकी है और आज शाम या कल सरकार को सौंप दी जाएगी और फिर सरकार इसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी।